प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 नवंबर 2023 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के तहत, प्रधानमंत्री मोदी ‘फूड स्ट्रीट’ का भी उद्घाटन किया।
- 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' के दुसरे संस्करण का आयोजन 3 से 5 नवंबर 2023 तक किया जा रहा है, कार्यक्रम का समापन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी।
80 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया:
- 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' कार्यक्रम में प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के सीईओ सहित 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- साथ ही इसमें 80 से अधिक देशों के 1200 से अधिक विदेशी खरीदार भी शामिल होंगे।
रिवर्स बायर-सेलर मीट की सुविधा:
- इसके साथ ही इसमें एक रिवर्स बायर-सेलर मीट की भी सुविधा भी उपलब्ध है।
- इस आयोजन में नीदरलैंड भागीदार देश के रूप में काम करेगा, जबकि जापान इस आयोजन का फोकस देश होगा।
200 से अधिक शेफ इसमें भाग ले रहे हैं
- नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कई देशों के प्रतिनिधि पहुँचे हैं। 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' में क्षेत्रीय व्यंजन और शाही खानपान की विरासत को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
- इस आयोजन में शामिल होने वाले 200 से अधिक शेफ पारंपरिक भारतीय व्यंजन पेश करेंगे।
स्वंय सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को दी गई सहायता राशि:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई दिल्ली में 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' के उद्घाटन के मौके पर 1 लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों को 380 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी सहायता के वितरण भी किया गया।
कृषि निर्यात में 7वें स्थान पर भारत:
- पीएम मोदी के अनुसार, पिछले नौ वर्षों में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ के निर्यात में 150% की वृद्धि हुई है। वर्तमान में देश का कृषि-निर्यात वैश्विक स्तर पर 7वें स्थान पर पहुँच गया है।
- भारत, खाद्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्रों में प्रगति की है। आंकड़ों पर नज़र डालें तो यह वृद्धि तेज लग सकती है, लेकिन यह निरंतर और समर्पित प्रयासों का परिणाम है।
- भारत सरकार ने पहली बार कृषि-निर्यात नीति लागू कर पूरे भारत में लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे का एक नेटवर्क स्थापित किया है।
वर्तमान में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़ा ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें भारत ने वृद्धि दर्ज न की हो। यह आयोजन फूड सेक्टर से जुड़ी हर कंपनी और स्टार्टअप के लिए अपने आइडिया और प्रतिभा को प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर है।
भारतीय महिलाओं में प्रतिनिधित्व करने की क्षमता:
- भारत की महिलाओं में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री सहित कई अन्य क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करने की स्वाभाविक क्षमता है। इसके लिए प्रत्येक स्तर पर महिलाओं को, कुटीर उद्योगों सहित एसएचजी क्षेत्र में बढ़ावा दिया जा रहा है।
- भारत में जितनी सांस्कृतिक विविधता है, उतना ही खाद्य वैविध्य विद्दमान है। भारत की ये खानपान की विविधता, विश्व के हर निवेशकों के लिए आकर्षण पैदा करती है।
- फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़ा ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें भारत ने वृद्धि न दर्ज की हो यह बढ़ोत्तरी इस क्षेत्र से जुड़ी हर कंपनी और स्टार्टअप के लिए एक अवसर है।
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में वृद्धि के तीन मुख्य कारक:
- भारत में तेजी से शहरीकरण का विकास हो रहा है और रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ-साथ पैकेज्ड फूड की माँग भी बढ़ रही है। साथ ही साथ इस क्षेत्र को बढ़ावा देंने के लिए सरकार अनुसमर्थित महत्वाकांक्षी योजनाएं भी चलाई जा रही है।
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में, इसकी सफलता में योगदान देने वाले तीन मुख्य घटक हैं, छोटे किसान, छोटे उद्योग और महिलाएं।
भारत के हर एक कोने तक मोटे अनाज को पहुँचाना:
- मोटे अनाज का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "मिलेट्स हमारी 'सुपर फूड बकेट' का हिस्सा है। भारत की पहल पर आज विश्व में एक बार पुनः मिलेट्स को लेकर जागरूकता अभियान आरंभ हुआ है।
- वर्तमान में आवश्यकता यह है कि, जिस तरह से ‘इंटरनेशनल योग दिवस’ ने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया, वैसे ही अब मिलेट्स को भी दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाया जाय।
टेस्ट और टेक्नो. नए भविष्य को देगा जन्म
- पीएम मोदी के अनुसार, "टेस्ट और टेक्नोलॉजी का ये फ्यूजन एक नए भविष्य को जन्म देगा, नई इकोनॉमी को गति प्रदान करेगा। आज की बदलती हुई दुनिया में 21वीं सदी की सबसे प्रमुख चुनौतियों में से एक फूड सिक्योरिटी भी है, इसलिए वर्ल्ड फूड इंडिया का ये आयोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।"
- ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को दुनिया की खाद्य टोकरी के रूप में स्थापित करना और 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ के रूप में मनाना भी है।