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संसद ने राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक 2023 पारित किया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Parliament Passed National Nursing & Midwifery Commission Bill 2023 Bill and Act 7 min read

राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक 2023 को संसद की मंजूरी मिल गई है। 8 अगस्त इस विधेयक को राज्यसभा में पारित हो गया। लोकसभा इसे 28 जुलाई को पारित कर चुकी है। 

विधेयक में नर्सिंग और मिडवाइफरी पेशेवरों द्वारा शिक्षा और सेवाओं के मानकों के विनियमन और रखरखाव का प्रावधान किया गया है।

  • यह विधेयक भारतीय नर्सिंग काउंसिल अधिनियम, 1947 को निरस्त करता है। 

विधेयक से संबंधित मुख्य तथ्य:

  • विधेयक के अनुसार, प्रत्येक राज्य सरकार को एक राज्य नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग का गठन करना होगा, जहां राज्य कानून के तहत ऐसा कोई आयोग मौजूद नहीं है।

  • केंद्र सरकार नर्सिंग और मिडवाइफरी सलाहकार परिषद की भी स्थापना करेगी। इस परिषद के अध्यक्ष राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष होंगे।

राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग:

  • विधेयक में राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग के गठन का प्रावधान है। इस आयोग में 29 सदस्य होंगे।

  • चेयरपर्सन के पास नर्सिंग और मिडवाइफरी में स्नातकोत्तर डिग्री होनी चाहिए और कम से कम 20 साल का क्षेत्र अनुभव होना चाहिए। 

  • पदेन सदस्यों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, सैन्य नर्सिंग सेवा और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के प्रतिनिधि शामिल हैं।

  • अन्य सदस्यों में नर्सिंग और मिडवाइफरी पेशेवर और धर्मार्थ संस्थानों का एक प्रतिनिधि शामिल हैं।

आयोग के कार्य:

  • आयोग के कार्यों में मुख्यतः निन्मलिखित को शामिल किया गया है:

  1. नर्सिंग और मिडवाइफरी शिक्षा के लिए नीतियां तैयार करना और मानकों को विनियमित करना,

  2. नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थानों में प्रवेश के लिए एक समान प्रक्रिया प्रदान करना,

  3. नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थानों को विनियमित करना, और

  4. शिक्षण संस्थानों में संकाय के लिए मानक प्रदान करना।

स्वायत्त बोर्ड:

  • विधेयक राष्ट्रीय आयोग की देखरेख में तीन स्वायत्त बोर्डों के गठन का प्रावधान करता है। ये हैं:

  1. नर्सिंग और मिडवाइफरी स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा बोर्ड, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तरों पर शिक्षा और परीक्षा को विनियमित करने के लिए;

  2. नर्सिंग और मिडवाइफरी मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड, नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थानों के मूल्यांकन और रेटिंग के लिए रूपरेखा प्रदान करने के लिए; और

  3. पेशेवर आचरण को विनियमित करने और पेशे में नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए नर्सिंग और मिडवाइफरी नैतिकता और पंजीकरण बोर्ड।

राज्य नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग:

  • प्रत्येक राज्य सरकार को एक दस सदस्यीय राज्य नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग का गठन करना चाहिए जहां राज्य कानून के तहत ऐसा कोई आयोग मौजूद नहीं है।

  • सदस्यों में स्वास्थ्य विभाग, राज्य के किसी भी नर्सिंग या मिडवाइफरी कॉलेज के प्रतिनिधि और नर्सिंग और मिडवाइफरी पेशेवर शामिल होंगे।

राज्य आयोग के मुख्य कार्य:

  • राज्य आयोग के कार्यों में निम्नलिखित को शामिल किया जा सकता है: 

  1. पेशेवर आचरण, आचार संहिता और शिष्टाचार लागू करना,

  2. पंजीकृत पेशेवरों के लिए राज्य रजिस्टर बनाए रखना,

  3. विशेषज्ञता के प्रमाण पत्र जारी करना, और

  4. कौशल-आधारित परीक्षा प्रदान करना। 

  • राज्य आयोगों द्वारा लिए गए निर्णयों के विरुद्ध अपील नैतिकता और पंजीकरण बोर्ड में दायर की जा सकती है। बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय राज्य आयोग पर बाध्यकारी होंगे जब तक कि राष्ट्रीय आयोग के साथ दूसरी अपील दायर न की जाए।

नर्सिंग या मिडवाइफरी संस्थानों की स्थापना:

  • एक नया नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थान स्थापित करने, सीटों की संख्या बढ़ाने या कोई नया स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ करने के लिए मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड की अनुमति की आवश्यकता होगी।

  • बोर्ड को छह महीने के भीतर प्रस्तावों पर निर्णय लेना होगा। अस्वीकृति के मामले में, राष्ट्रीय आयोग में अपील की जा सकती है और केंद्र सरकार के पास दूसरी अपील दायर की जा सकती है।

एक पेशेवर के रूप में कार्य करना:

  • नैतिकता और पंजीकरण बोर्ड एक ऑनलाइन भारतीय नर्स और दाइयों का रजिस्टर बनाएगा, जिसमें पेशेवरों और सहयोगियों के विवरण और योग्यताएं शामिल होंगी।

  • योग्य पेशेवर के रूप में नर्सिंग या मिडवाइफरी का कार्य करने के लिए व्यक्तियों को राष्ट्रीय या राज्य रजिस्टर में नामांकित होना चाहिए। इसका पालन न करने पर एक वर्ष तक की कैद, पांच लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

सलाहकार परिषद:

  • केंद्र सरकार नर्सिंग और मिडवाइफरी सलाहकार परिषद की भी स्थापना करेगी। राष्ट्रीय आयोग का अध्यक्ष परिषद का अध्यक्ष होगा।

  • अन्य सदस्यों में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, आयुष मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और नर्सिंग और मिडवाइफरी पेशेवर के प्रतिनिधि शामिल हैं।

  • सलाहकार परिषद नर्सिंग और मिडवाइफरी शिक्षा, सेवाओं, प्रशिक्षण और अनुसंधान से संबंधित मामलों में राष्ट्रीय आयोग को सलाह और सहायता प्रदान करेगी।

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