पारादीप बंदरगाह ने 8 अगस्त, 2023 को 50.16 एमएमटी कार्गो के रिकॉर्ड कार्गो थ्रूपुट को पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक बड़ी उपलब्धि हासिल की।
बंदरगाह ने चालू वित्त वर्ष में 129 दिनों में यह उपलब्धि प्राप्त की है, जबकि पिछले वर्ष यह अवधि 140 दिन थी।
पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण (पीपीए) ने पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 812 जहाजों की तुलना में रिकॉर्ड 942 जहाजों को हैंडल किया है।
उपरोक्त उपलब्धि के लिए पीपीए के अध्यक्ष पीएल हरनाध ने केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (एमओपीएसडब्ल्यू) सर्बानंद सोनोवाल के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनके उत्साहपूर्ण नेतृत्व और मार्गदर्शन में पीपीए एक नया अध्याय शुरू कर सका।
भारत के प्रमुख बंदरगाह:
देश में 13 प्रमुख बंदरगाह और 200 गैर-प्रमुख बंदरगाह (छोटे बंदरगाह) हैं।
प्रमुख बंदरगाहों में दीनदयाल (पूर्ववर्ती कांडला), मुंबई, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट, मरमुगाओ, न्यू मैंगलोर, कोचीन, चेन्नई, कामराजर (पहले एन्नोर), वी. ओ. चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप, कोलकाता (हल्दिया सहित) और पोर्ट ब्लेयर पोर्ट, अंडमान और निकोबार पोर्ट शामिल हैं।
भारत में बंदरगाहों को भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 1908 के तहत परिभाषित केंद्र और राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के अनुसार प्रमुख एवं छोटे बंदरगाहों के रूप में वर्गीकृत किया गया है
देश के सभी 13 बंदरगाह, प्रमुख बंदरगाह ट्रस्ट अधिनियम, 1963 के तहत शासित हैं और केंद्र सरकार के स्वामित्व और प्रबंधन में हैं।
जबकि सभी छोटे बंदरगाह, भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 1908 के तहत शासित हैं और राज्य सरकारों के स्वामित्व और प्रबंधन में हैं।