भारतीय नौसेना ने 29 दिसंबर 2023 को एडमिरल, वाइस एडमिरल और रियर एडमिरल रैंक के अधिकारियों के एपॉलेट्स का नया लोगो जारी कर दिया है। यह लोगो छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित है। एपॉलेट्स, अधिकारियों के कंधों पर लगने वाला बैज होता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना दिवस पर की थी घोषणा:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस पर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में इस डिजाइन को बदलने की बात कही थी।
- भारतीय नौसेना ने कहा कि नए डिजाइन को अपनाना पंच प्राण के दो स्तंभों को मानना है। पहला 'विरासत पर गर्व' और दूसरा 'गुलामी की मानसिकता से मुक्ति' के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
नए एपॉलेट्स शिवाजी की राजमुद्रा से प्रेरित:
- भारतीय नौसेना ने एडमिरल्स एपॉलेट्स का नया डिजाइन नौसेना ध्वज से लिया है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित है। यह भारतीय समृद्ध समुद्री विरासत का सच्चा आईना है।
- नए एपॉलेट्स में मराठा शासक की राजमुद्रा को लाना गुलामी की मानसिकता छोड़ने की कोशिश है। नए एपॉलेट्स ने ब्रिटिश राज के नेल्सन रिंग को प्रतिस्थापित किया है।
नए एपॉलेट्स डिजाइन की विशेषता:
- गोल्डन नेवी बटन:- यह गुलामी की मानसिकता को दूर करने के संकल्प को दोहराता है।
- अष्टकोणीय:- यह आठ दिशाओं का प्रतीक है, जो सेना की सर्वांगीण दीर्घकालिक दृष्टि को दर्शाता है।
- तलवार:- यह देश की शक्ति में अग्रणी बनने और प्रभुत्व के जरिए जंग जीतने, विरोधियों को हराने और हर चुनौती पर काबू पाने के नौसेना के उद्देश्य को दिखाती है।
- टेलीस्कोप:- यह बदलती दुनिया में दृष्टि, दूरदर्शिता और मौसम पर नजर रखने का प्रतीक है।
नौसेना रैंकों का नाम अब भारतीय परंपराओं पर:
- प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना दिवस पर यह भी घोषणा की थी कि नौसेना रैंकों का नाम भी भारतीय परंपराओं के आधार पर रखा जाएगा।
- नौसेना ब्रिटिश शासन के दौरान मिले सेलर्स की रैंक का रिव्यू भी कर लिया है। कॉलोनियल मिलिट्री ट्रेडिशन को समाप्त करने के लिए उन्हें इंडियन पोस्ट रैंक से बदलने की तैयारी है।
- 65 हजार से ज्यादा सेलर्स को अब नई रैंक मिलेगी।
भारतीय नौसेना में हुए बदलाव:
- पिछले वर्ष से भारतीय नौसेना में कई बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें प्रमुखतः
- कमांडरों के लिए डंडे का उपयोग बंद कर दिया
- नए ध्वज को अपनाया
- ट्रेडिशनल इंडियन ड्रेस कोड की अनुमति दी गई।
- पहले नौसेना के झंडे पर लाल क्रॉस का निशान होता था। ये सेंट जॉर्ज क्रॉस था, जो अंग्रेजों के झंडे यूनियन जैक का भाग था। सेंट जॉर्ज क्रॉस ईसाई संत और योद्धा की निशानी थी।
- 2001 में लाल क्रॉस हटाया गया और 2004 में इसे फिर लगा दिया गया। 2001 से 2004 इसमें अशोक चिह्न को रखा गया।
- 2014 में अशोक चिह्न के नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया।
होरेशियो नेल्सन के बारे में:-
- नेल्सन, जिनकी रिंग पहले एपॉलेट्स पर थी अब उसमें बदलाव कर कर दिया गया है।
- होरेशियो नेल्सन (29 सितंबर 1758-21 अक्टूबर 1805) ब्रिटिश रॉयल नेवी के फ्लैग ऑफिसर थे। उनकी लीडरशिप, स्ट्रैटजी और चतुराई भरे फैसलों की वजह से ब्रिटेन को कई महत्वपूर्ण लड़ाइयों में जीत मिली थी। नेल्सन की प्रमुख लड़ाई ट्रैफलगर का युद्ध माना जाता है, जिसमें उन्होंने फ्रांस के नेपोलियन को हराया था।
- नेल्सन (तब 47) इस युद्ध में घायल हो गए थे और जख्मी होने के 3 घंटे बाद ही उनकी मौत हो गई थी। घायल हालत में भी नेल्सन अपनी सेना को आगे बढ़ा रहे थे।
- उस समय नेपोलियन को हराना बड़ी बात थी। फ्रांसीसी राजा नेपोलियन (1789 से 1814 तक राजा रहे) की उस वक्त विश्व में तूती बोल रही थी। नेपोलियन ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दे रहे थे।