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राष्ट्र ने 23 अगस्त 2024 को पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Nation Observes first National Space Day on 23 August 2024 Important Day 5 min read

अंतरिक्ष में अपनी उल्लेखनीय क्षमता और उपलब्धियों को चिह्नित करने के लिए देश 23 अगस्त 2024 को अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाएगा। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, जो 21 नवंबर 1963 को केरल के थुंबा से एक साउंडिंग रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ शुरू हुआ, एक ऐसे चरण पर पहुंच गया है जहां अब वो चंद्रमा पर अपने लैंडर को सफलता पूर्वक उतारने,दूसरे ग्रह पर खोजी अंतरिक्ष यान (मंगलयान), सूर्य का आध्यान करने के लिए ,अदित्या मिशन जैसे जटिल और चुनौतीपूर्ण  मिशन को पूरा करने में सक्षम हो गया है। 

 भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के ध्वजवाहक, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को अब दुनिया की सर्वश्रेष्ठ अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक माना जाता है।

इसरो की भविष्य की योजनाएँ 

पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह 23 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समारोह की मुख्य अतिथि थीं। इस अवसर पर इसरो अध्यक्ष एस.सोमनाथ भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने रोबोटिक्स चैलेंज और भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया।

इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत सरकार के अंतरिक्ष विजन 2047 की रूपरेखा प्रस्तुत की। भारत के अंतरिक्ष विज़न 2047 के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्य हैं:

  • 2035 तक भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन, जिसका नाम भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) है, की स्थापना करना,
  • 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय गगनयात्री (अंतरिक्ष यात्री) को उतारने का लक्ष्य।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की पृष्ठभूमि 

भारत सरकार ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान -3 मिशन के विक्रम लैंडर की सफलता पूर्वक उतारने को चिह्नित करने के लिए 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में घोषित किया है ।

सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा पर रोवर उतारने वाला चौथा देश था और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश

विक्रम लैंडर 23 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार शाम 18.04 बजे चंद्रमा की सतह के 69.37 डिग्री दक्षिण अक्षांश और 32.35 डिग्री पूर्वी देशांतर पर उतरा था ।

बाद में भारत सरकार ने चाँद के उस स्थान, जहां विक्रम लैंडर उतरा था का नाम शिव शक्ति प्वाइंट रखा दिया था।

चंद्रयान-3 मिशन

चंद्रयान-3 मिशन को इसरो द्वारा 14 जुलाई 2023 को जीएसएलवी-मार्क III (एलवीएम-3) हेवी-लिफ्ट रॉकेट के द्वारा  श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से प्रक्षेपित किया गया था। अंतरिक्ष यान में एक लैंडर, विक्रम और एक रोवर, प्रज्ञान था । 

चंद्रयान-2 मिशन के विपरीत, चंद्रयान-3 मिशन में ऑर्बिटर नहीं था जो चाँद का चक्कर लगा सके। 

चंद्रयान-3 मिशन का अनुमानित बजट 615 करोड़ रुपये था।

1,700 किलोग्राम से अधिक वजन वाला 2 मीटर लंबा विक्रम, 26 किलोग्राम वजनी चंद्र रोवर, जिसका नाम प्रज्ञान था को अपने साथ चाँद की सतह पर ले गया था ।

चंद्र रोवर प्रज्ञान ने कई प्रयोग किए, जिसमें चंद्र सतह की खनिज संरचना का स्पेक्ट्रोमीटर विश्लेषण भी शामिल था।

चंद्रमा की सतह पर तैनात प्रज्ञान रोवर ने अगले दस पृथ्वी दिनों में लगभग 103 मीटर की यात्रा करके आस-पास के क्षेत्र का पता लगाया। पृथ्वी के 14 दिन एक चंद्र दिवस के बराबर होते हैं।

प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 का विषय 

पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 का विषय है- चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा

FAQ

उत्तर : 23 अगस्त

उत्तर: चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा

उत्तर: शिवशक्ति

उत्तर: 23 अगस्त 2023 को

उत्तर:प्रज्ञान

उत्तर: 14 जुलाई 2023

उत्तर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

उत्तर: 2035 तक

उत्तर: 2040
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