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देश में सबसे अधिक गिद्ध मध्य प्रदेश में पाये गए

Utkarsh Classes Last Updated 22-02-2025
Madhya Pradesh home to highest number of Vulture in the country Madhya Pradesh 5 min read

2025 की गिद्ध जनगणना के पहले चरण के समापन के बाद मध्य प्रदेश में देश में गिद्धों की आबादी की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है। राज्य वन विभाग के अनुसार राज्य में गिद्धों की कुल संख्या 12,981 थी। पिछली गणना में राज्य में 10,845 गिद्ध थे।

राज्य वन विभाग द्वारा गिद्ध जनगणना का दूसरा चरण 29 अप्रैल 2025 को आयोजित किया जाएगा।

मध्य प्रदेश में गिद्धों की जनगणना 

2025 गिद्ध जनगणना का पहला चरण मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा 17-19 फरवरी 2025 तक आयोजित किया गया था। 

जनगणना राज्य के सभी वन क्षेत्रों, राष्ट्रीय उद्यानों, बाघ अभयारण्यों और अन्य अभयारण्यों में आयोजित की गई थी।

राज्य में पहली गिद्ध जनगणना 2016 में हुई थी। 2016 में राज्य में कुल 6 हजार 999 गिद्ध थे। 

अगली जनगणना 2018, 2019, 2021, 2024 और 2025 में की गई थी।

2024 में राज्य में 10,845 गिद्धों की गणना की गई थी।

मध्य प्रदेश में गिद्ध की प्रजातियाँ 

विश्व में 23 प्रकार की गिद्ध प्रजातियाँ पायी जाती हैं जिनमें से 9 प्रजातियाँ देश में पाई जाती हैं। 

मध्य प्रदेश गिद्धों की सात प्रजातियों का घर है। 

चार गिद्ध प्रजातियाँ -  इंडियन लांग विल्ड वल्चर (देशी), चमर गिद्ध, गोबर गिद्ध या इजिप्शियन गिद्ध, रेड हेड (राज गिद्ध)- राज्य के मूल निवासी हैं। 

तीन प्रवासी गिद्ध प्रजातियाँ-हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध, यूरोपीय ग्रिफ़ॉन, सेनेरियस गिद्ध (काला गिद्ध)- शीत ऋतु में राज्य में आते हैं और ग्रीष्म ऋतु शुरू होने से पहले चली जाती हैं।

दो चरण की गिद्ध गणना 

  • 2025 की गिद्ध जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण फरवरी में आयोजित किया जाएगा और अगला 29 अप्रैल 2025 को आयोजित किया जाएगा।
  • इससे राज्य में गिद्धों की कुल निवासी और  प्रवासी गिद्ध आबादी की सटीक तस्वीर मिलेगी, क्योंकि प्रवासी गिद्ध अप्रैल में राज्य छोड़ देते हैं।

भारत में गिद्धों की आबादी पर खतरा 

  • भारत में एक समय कभी लगभग 5 करोड़ गिद्धों हुआ करते थे ।लेकिन 1990 के बाद से , मवेशियों के लिए सस्ते गैर-स्टेरायडल दर्द निवारक- डाइक्लोफेनाक दवा के उपयोग के कारण, देश में गिद्धों की आबादी में चिंताजनक रूप से गिरावट आई और यह लगभग विलुप्त होने के कगार पर पहुँच गए।
  • डाइक्लोफेनाक से उपचारित मृत मवेशियों को खाने वाले गिद्ध की किडनी खराब हो जाती है और इस कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। 
  • देश में गिद्धों की आबादी की रक्षा के लिए सरकार ने 2006 में मवेशियों के लिए डाइक्लोफेनाक की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • तब से और सरकार के संरक्षण प्रयासों के कारण, देश में गिद्धों की आबादी लगातार बढ़ रही है।

गिद्ध का महत्व 

गिद्ध हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • यह एक मुर्दाखोर है जो मरे हुए जानवरों को खाते है,जिससे पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण, मिट्टी और पानी के दूषित पदार्थों को हटाने और बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। 
  • सड़ते हुए मृत जानवर बैक्टीरिया और रोगजनकों के प्रजनन के लिए आदर्श हैं, जिन्हें अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो वे उस क्षेत्र की मिट्टी, जल संसाधनों को दूषित कर सकते हैं और बीमारियाँ फैला सकते हैं।
  • गिद्ध, मृत जानवर के शरीर को खाकर जंगली कुत्तों के लिए न के बराबर भोजन छोड़ते है। इस प्रकार गिद्ध,जंगली कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद करता है। 
  • ये जंगली कुत्ते अक्सर इंसानों को काटते हैं जिससे घातक रेबीज बीमारी हो जाती है।

यह भी पढ़ें: एशियाई राजा गिद्धों के लिए विश्व के पहले प्रजनन केंद्र का यूपी में उद्घाटन

FAQ

उत्तर: मध्य प्रदेश. फरवरी 2025 में आयोजित गिद्ध जनगणना की समाप्ति के बाद यहाँ 12,981 गिद्ध पाये गए।

उत्तर: 2016 में उसके बाद 2018, 2019, 2021, 2024 और 2025 में किया गया।

उत्तर: दो चरण; फरवरी में और 29 अप्रैल 2025 को।
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