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न्यायमूर्ति दिनेश कुमार ने एसएटी के पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Justice Dinesh Kumar takes charge as the SAT Presiding officer Appointment 6 min read

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिनेश कुमार ने 29 अप्रैल 2024 को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट ) के पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला। भारत सरकार ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार को चार साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया।

सैट के पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। वह फरवरी 2024 में पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल के दिसंबर 2023 में सेवानिवृत्त हो जाने के चार महीने बाद, सैट में किसी पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति  हुई है। 

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिनेश कुमार के साथ धीरज भटनागर ने भी न्यायाधिकरण के तकनीकी सदस्य के रूप में अपना कार्यभार संभाला। उन्हें चार साल की अवधि के लिए या 67 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक, जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किया गया है। धीरज भटनागर दिल्ली के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए थे ।

तीन सदस्यीय सैट की अन्य सदस्य, मीरा स्वरूप हैं।

प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण के बारे में

प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण  एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना 1992 में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड अधिनियम 1992 के प्रावधानों के तहत की गई थी।

सैट के कार्य

प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना उच्च न्यायालय के स्थान पर की गई थी। न्यायाधिकरण निम्नलिखित वैधानिक वित्तीय संस्थाओं के आदेश या फैसले के खिलाफ अपील सुनता है-

  • पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश और फैसले,
  • पेंशन क्षेत्र के नियामक पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के आदेश और फैसले,
  • बीमा क्षेत्र नियामक भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के आदेश और फैसले।

सैट की संरचना

सैट  में एक पीठासीन अधिकारी और अन्य न्यायिक और तकनीकी सदस्य होते हैं

केंद्र सरकार के पास सैट  के सदस्यों की कुल संख्या निर्धारित करने की शक्ति है। वर्तमान में सैट में पीठासीन अधिकारी सहित तीन सदस्य होते हैं।

पीठासीन अधिकारी की योग्यता;

पीठासीन अधिकारी  की नियुक्ति के लिए व्यक्ति को या तो 

उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त या वर्तमान न्यायाधीश होना चाहिये

या

किसी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश होना चाहिये।

न्यायिक सदस्य की योग्यता

न्यायिक सदस्य के पद पर नियुक्त होने वाले व्यक्ति के पास निम्नलिखित योग्यता होनी चाहिए।

व्यक्ति की उम्र 50 वर्ष से कम न हो,

वह किसी एक उच्च न्यायालय का  न्यायाधीश रहे हो, 

या 

उसे कम से कम 10 वर्षों तक एक वकील के रूप में  भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड, प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण, उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष वित्तीय क्षेत्र से संबंधित मामलों में पर्याप्त अनुभव हो ।

तकनीकी सदस्य की योग्यता

वह व्यक्ति  भारत सरकार के मंत्रालय/विभाग में सचिव या अतिरिक्त सचिव या केंद्र सरकार या राज्य सरकार में किसी समकक्ष पद पर रहा हो।

 या

प्रतिभूति बाजार, पेंशन फंड, कमोडिटी डेरिवेटिव या बीमा सहित वित्तीय क्षेत्र में कम से कम 15 वर्षों का विशेष ज्ञान और पेशेवर अनुभव वाला व्यक्ति हो।

सैट के सदस्यों की नियुक्ति

पीठासीन अधिकारी और न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा  भारत के मुख्य न्यायाधीश या उसके नामित व्यक्ति के परामर्श से की जाती है।

कार्यकाल

  • पीठासीन अधिकारी और अन्य सदस्यों का कार्यकाल, नियुक्ति की तारीख से पांच वर्ष का होगा और वे अधिकतम पांच और वर्षों के लिए पुनर्नियुक्ति के पात्र होंगे।
  • पीठासीन अधिकारी अथवा सदस्य की अधिकतम आयु 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये
  • हालाँकि, सरकार के पास पीठासीन अधिकारी और अन्य सदस्यों की नियुक्ति करते समय कार्यकाल निर्दिष्ट करने की शक्ति है।

सैट के आदेश के विरुद्ध अपील

सैट  के फैसलों को केवल सुप्रीम कोर्ट में ही चुनौती दी जा सकती है।

क्षेत्राधिकार

सैट का क्षेत्राधिकार संपूर्ण भारत पर है। इसकी एकमात्र बेंच मुंबई में स्थित है

परीक्षा  के लिए महत्वपूर्ण फुल फॉर्म

सैट/SAT:  सिक्यूरिटीज अप्पेलेट ट्रिबुनल (Securities Appellate Tribunal)

सेबी /SEBI :  सिक्यूरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Securities Exchange Board of India )

FAQ

उत्तर: न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिनेश कुमार

उत्तर: मुंबई, महाराष्ट्र।

उत्तर: 70 वर्ष

उत्तर: चार वर्ष.

उत्तर: यह सेबी, आईआरडीएआई और पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के आदेश के खिलाफ अपील सुनता है।

उत्तर: भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड अधिनियम 1992।
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