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इसरो ने उच्च दक्षता और कम लागत वाली ईंधन सेल का सफल परीक्षण किया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
ISRO Successfully Tests High Efficiency And Low-Cost Fuel Cell Science and Technology 4 min read

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने कक्षीय प्लेटफॉर्म, POEM3 में 100 W श्रेणी के पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन सेल आधारित पावर सिस्टम (FCPS) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

  • इसे PSLV-C58 पर लॉन्च किया गया था।
  • इस ईंधन सेल को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) द्वारा डिजाइन किया गया है।
  • फ्यूल सेल ने एक बैटरी के रूप में पीओईएम-3 के एक पेलोड को सफलतापूर्वक ऊर्जा प्रदान की। परीक्षण के दौरान कक्षा में वोल्टेज, करंट और तापमान टेलीमीटरी की मदद से मापा गया जो अपेक्षानुरूप रहे। 
  • उड़ान के दौरान ऊर्जा प्रणाली ने 15 कक्षाओं में 21 घंटे तक काम किया।

प्रयोग का उद्देश्य:

  • इस प्रयोग का उद्देश्य पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन फ्यूल सेल का आकलन करना था। 
  • अंतरिक्ष में संचालन और भविष्य के मिशनों के लिए सिस्टम के डिजाइन को सुविधाजनक बनाने के लिए डेटा एकत्र करना।
  • यह ईंधन सेल अंतरिक्ष स्टेशनों के लिए भविष्य की ऊर्जा विकल्प का अग्रदूत है।

पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन सेल का महत्व:

  • POEM पर अल्प अवधि की परीक्षण के दौरान उच्च दबाव वाले नलिका में संग्रहीत हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों से 180W बिजली उत्पन्न की गई। 
  • इसने विभिन्न स्थैतिक और गतिशील प्रणालियों का प्रचुर डेटा प्रदान किया, जो कि विद्युत प्रणाली और भौतिकी के भाग थे।

ईंधन सेल पेलोड:

  • हाइड्रोजन आधारित ईंधन सेल शुद्ध पानी और गर्मी के साथ-साथ सीधे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों से बिजली का उत्पादन करता है। 
  • यह एक विद्युत जनरेटर है, जो पारंपरिक जनरेटर में नियोजित दहन प्रतिक्रियाओं के विपरीत बैटरी की तरह इलेक्ट्रोकेमिकल सिद्धांतों पर काम करता है। 
  • बिना किसी मध्यवर्ती चरण के ईंधन से सीधे बिजली उत्पादन करने की क्षमता उन्हें बहुत कुशल बनाती है। 
  • इस पूरी प्रक्रिया में अवशेष के रूप में केवल जल निकलने से यह पूरी तरह से उत्सर्जन मुक्त है।
  • ये विशेषताएं उसे मनुष्यों से जुड़े अंतरिक्ष मिशनों के लिए आदर्श रूप प्रदान करती हैं जहां बिजली, पानी और गर्मी आवश्यक हैं। 
  • यह एक ही सिस्टम मिशन में कई आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।

ईंधन सेल का एनोड:

  • पारंपरिक ली-आयन सेल एनोड (इलेक्ट्रोड जो सेल में बिजली उत्पन्न करने के लिए इलेक्ट्रॉनों को छोड़ता है) के रूप में शुद्ध ग्रेफाइट का उपयोग करती हैं। 
  • VSSC द्वारा विकसित यह सेल एक सिलिकॉन-ग्रेफाइट के संयोजन का उपयोग एनोड के रूप में करता है। 
  • यह छोटे स्थान में अधिक ली-आयनों को समायोजित कर सकता है, जिससे अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

ईंधन सेल का अनुप्रयोग:

  • यह पारंपरिक सेल का कम लागत वाला और हल्का विकल्प पेश करेगा। 
  • इन ईंधन सेलों का उपयोग विभिन्न प्रकार के वाहनों के इंजनों को बदलने और स्टैंडबाय पावर सिस्टम को पावर देने के लिए किया जा सकता है। 
  • ये ईंधन सेल पारंपरिक इंजन के समान रेंज और ईंधन रिचार्ज समय प्रदान कर सकते हैं।
  • यह इन बैटरियों को एक विशिष्ट महत्व देता है और उत्सर्जन मुक्त परिवहन की सुविधा मिलने की भी उम्मीद है। 
  • ईंधन सेल अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अनुकूल ऊर्जा स्रोत है, क्योंकि यह ऊर्जा और शुद्ध पानी दोनों प्रदान करता है।

FAQ

Ans. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)

Ans. ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान PSLV-C58

Ans. अंतरिक्ष में संचालन और भविष्य के मिशनों के लिए सिस्टम के डिजाइन को सुविधाजनक बनाने के लिए डेटा एकत्र करना।
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