सितंबर 2023 में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने भोपाल में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 के परिणामों की घोषणा की, इसमें इंदौर ने दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा किया गया था। यह भारतीय शहरों में वायु गुणवत्ता का आकलन करने की एक पहल है।
- इस सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश के आगरा को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ, जबकि महाराष्ट्र के ठाणे को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
- इसके साथ ही श्रीनगर (चौथा), भोपाल (पांचवां), दिल्ली को नौवां तथा मुंबई को दसवां स्थान प्राप्त हुआ।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 के मुख्य बिंदु:
- स्वच्छ वायु सर्वेक्षण, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वायु गुणवत्ता के आधार पर शहरों को रैंक प्रदान करने और 131 गैर-प्राप्ति शहरों में शहर कार्य योजना के तहत अनुमोदित गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए एक नई पहल है।
- शहरों का वर्गीकरण 2011 की जनसंख्या जनगणना के आधार पर किया गया है।
- पिछले वर्ष की तुलना में रैंकिंग में बदलाव के साथ, वायु गुणवत्ता से संबंधित विभिन्न कारकों पर शहरों का मूल्यांकन आठ प्रमुख बिंदुओं पर किया गया:
- बायोमास का नियंत्रण
- नगरपालिका ठोस अपशिष्ट दहन
- सड़क की धूल
- निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट से उत्सर्जित धूल
- पीएम 10 सांद्रता में सुधार
- वाहन उत्सर्जन
- औद्योगिक उत्सर्जन
- जन जागरूकता
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में विभिन्न शहरों का प्रदर्शन:
- प्रथम श्रेणी के तहत (दस लाख से अधिक जनसंख्या) शीर्ष तीन राज्य: इंदौर, आगरा और ठाणे। इसी क्रम में भोपाल को 5वां, दिल्ली को 9वां और मुंबई को 10वां स्थान प्राप्त हुआ।
- सबसे खराब प्रदर्शन: मदुरै (46), हावड़ा (45) और जमशेदपुर (44)।
- द्वितीय श्रेणी के अंतर्गत (3-10 लाख जनसंख्या) शीर्ष तीन शहर: अमरावती, मुरादाबाद और गुंटूर हैं।
- सबसे खराब प्रदर्शन: जम्मू (38), गुवाहाटी (37) और जालंधर (36)।
- तृतीय श्रेणी के अंतर्गत (3 लाख जनसंख्या) शीर्ष तीन शहर: परवाणु, काला अंब (हिमाचल प्रदेश) और अंगुल (ओडिशा) का स्थान है।
- सबसे खराब प्रदर्शन: कोहिमा (39)।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी):
- गठन: सितंबर 1974
- सीपीसीबी का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत किया गया।
- सीपीसीबी को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गए।
- यह बोर्ड पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख कार्यों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत वर्णित किया गया है।
- सीपीसीबी का उद्देश्य सभी हितधारकों को शामिल करके आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर वायु प्रदूषण को व्यवस्थित रूप से संबोधित करना है।
- सीपीसीबी के अतिरिक्त निदेशक: नरेंद्र शर्मा