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जीएसएल द्वारा निर्मित स्वदेशी तलवार श्रेणी का युद्धपोत, 'त्रिपुट लॉन्च किया गया

Utkarsh Classes Last Updated 25-07-2024
Indigenously-built Talwar class frigate, 'Triput',launched by GSL Defence 5 min read

गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा भारतीय नौसेना के लिए निर्मित  'त्रिपुट' नाम का पहला स्वदेशी रूप से निर्मित तलवार श्रेणी का युद्धपोत 24 जुलाई 2024 को पानी में लॉन्च किया गया । यह जहाज उन दो युद्धपोतों का हिस्सा है जिन्हें भारत स्वदेशी तौर पर रूस. के मदद से बना रहा है।

जहाज को गोवा में एक समारोह में पानी में उतारा गया, जिसमें गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई और भारतीय नौसेना और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) के अन्य उच्च रैंकिंग अधिकारी शामिल हुए।

2016 में चार युद्धपोतों के लिए भारत-रूस समझौता 

2016 में भारत और रूस ने एडमिरल ग्रिगोरोविच क्लास (जिसे प्रोजेक्ट 1135.6 क्लास के रूप में भी जाना जाता है) के चार स्टील्थ फ्रिगेट खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

दो जहाजों का निर्माण रूस में किया जाना था और दो का निर्माण रूस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ भारत में किया जाना था।

रूस में निर्मित होने वाले जहाजों की आपूर्ति कोविड-19 महामारी और यूक्रेन के साथ रूसी युद्ध के कारण लगभग दो साल की देरी हो गई है।

नए कार्यक्रम के अनुसार रूस अब दो जहाजों में से पहले तुशिल , भारत को सितंबर 2024 में सौपेंगा और दूसरा  युद्धपोत तमाल की फरवरी 2025 तक भारत आने की उम्मीद है।

रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के साथ गोवा शिपयार्ड लिमिटेड का समझौता 

गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने भारत में दो जहाजों के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, डिजाइन और विशेषज्ञ सहायता के लिए नवंबर 2018 में रूसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ एक  500 मिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए।

जनवरी 2019 में भारतीय नौसेना के लिए इन दो फ्रिगेट श्रेणी के युद्धपोतों की खरीद के लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड और केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के बीच एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद भारत में फ्रिगेट्स का निर्माण शुरू हुआ।

 इस समझौते के तहत गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित पहला युद्धपोत त्रिपुट जिसका अर्थ तीर है ।

त्रिपुट फ्रिगेट के बारे में 

त्रिपुट एक उन्नत बहुउद्देश्यीय स्टील्थ फ्रिगेट है जो जहाज रोधी, पनडुब्बी रोधी, भूमि पर हमला, समुद्री डकैती रोधी और खोज एवं बचाव अभियानों में सक्षम है।

युद्धपोत ब्रह्मोस मिसाइल और श्टिल-1 वायु-रक्षा प्रणाली से लैस है, जो एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों, लड़ाकू जेट और ड्रोन सहित किसी भी प्रकार के हवाई खतरे से बचाव कर सकता है।

त्रिपुट फ्रिगेट 125 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा है और इसका विस्थापन लगभग 3,600 टन है। 

युद्धपोत यूक्रेनी मूल के ज़ोर्या गैस-टरबाइन इंजन द्वारा संचालित है जो युद्धपोत को पानी में 28 समुद्री मील प्रति घंटा की अधिकतम गति प्राप्त करने में मदद करता है।

सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा शिपयार्ड 

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के तहत चार रक्षा शिपयार्ड हैं जो भारतीय नौसेना और तटरक्षकों के लिए युद्धपोतों और अन्य जहाजों का निर्माण करते हैं। 

  • मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र; यह भारतीय नौसेना के लिए स्कॉर्पीन पनडुब्बियों, मिसाइल विध्वंसक, स्टील्थ फ्रिगेट्स का निर्माण करता है।
  • गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता: यह भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के लिए जहाज और युद्धपोत बनाती है। 
  • गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, गोवा: यह भारतीय नौसेना के लिए स्वदेशी रूप से परिष्कृत उच्च प्रौद्योगिकी जहाजों को डिजाइन और निर्माण करने में सक्षम है। 
  • हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापत्तनम: यह जहाज निर्माण, जहाज की मरम्मत और पनडुब्बियों की मरम्मत में माहिर है।

नौसेना के प्रमुख: एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी

FAQ

उत्तर : गोवा शिपयार्ड लिमिटेड

उत्तर: रूस ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की और फ्रिगेट निर्माण के लिए गोवा शिपयार्ड को सहायता प्रदान की।

उत्तर: रूस

उत्तर : केंद्रीय रक्षा मंत्रालय

उत्तर: एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी
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