भारत सरकार ने सिक्किम के सोरेंग जिले में देश का पहला जैविक मत्स्य पालन समूह का शुभारंभ किया है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत स्थापित मत्स्य पालन क्लस्टर (समूह) का उद्घाटन केंद्रीय पंचायती राज मंत्री और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने 6 जनवरी 2025 को गुवाहाटी, असम में किया।
सिक्किम भारत का पहला पूरी तरह से जैविक राज्य है और इसे 2016 में प्रमाणित किया गया था। सिक्किम सरकार ने अब जैविक मत्स्य पालन में भारत का पहला राज्य बनने का लक्ष्य रखा है।
भारत सरकार के मत्स्य विभाग ने इससे पहले हजारीबाग, झारखंड में मोती क्लस्टर, मदुरै, तमिलनाडु में सजावटी मत्स्य पालन क्लस्टर, लक्षद्वीप में समुद्री शैवाल क्लस्टर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में टूना क्लस्टर जैसे क्लस्टर अधिसूचित किए हैं।
पहला जैविक मत्स्य पालन क्लस्टर
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत पहला जैविक मत्स्य पालन क्लस्टर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
- नाबार्ड बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और मत्स्य पालन आधारित किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) के गठन के माध्यम से मत्स्य पालन क्लस्टर का समर्थन करेगा।
- ये क्लस्टर हानिकारक रसायनों, एंटीबायोटिक दवाओं और कीटनाशकों से मुक्त जैविक मत्स्य पालन और जलीय कृषि को बढ़ावा देंगे।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई)
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना को केंद्र सरकार द्वारा 2020 में केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में शुरू किया गया था।
इसने नीली क्रांति एकीकृत विकास और प्रबंधन मत्स्य योजना या नीली क्रांति योजना की जगह ली, जिसे 2015-16 में शुरू किया गया था।
योजना की अवधि: 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पांच साल (2020-21 से 2024-25)।
कार्यान्वयन निकाय - केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय।
योजना का उद्देश्य
- मछली उत्पादन को 2018-19 के 13.75 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2024-25 तक 22 मिलियन मीट्रिक टन करना।
- जलकृषि उत्पादकता को बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करना।
- घरेलू मछली की खपत को 2024-25 तक 2018-19 के 5 किलोग्राम से बढ़ाकर 12 किलोग्राम प्रति व्यक्ति करना।
- कृषि जीवीए में मत्स्य पालन क्षेत्र का योगदान 2018-19 के 7.28% से बढ़ाकर 2024-25 तक लगभग 9% करना।
- निर्यात आय को 2018-19 के 46,589 करोड़ रुपये से दोगुना करके 2024-25 तक 1,00,000 करोड़ रुपये करना।
क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण
- पीएमएमएसवाई के तहत क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला में भौगोलिक रूप से जुड़े उद्यमों को एकजुट करने पर केंद्रित है।
- मछुआरों, प्रसंस्करणकर्ताओं और ट्रांसपोर्टरों जैसे हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर, मॉडल का उद्देश्य लागत कम करना, वित्तीय व्यवहार्यता में सुधार करना और नवाचार को बढ़ावा देना है।