केन्द्रीय रेल, संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 18 अगस्त 2023 को बेंगलुरु में भारत के पहले 3डी मुद्रित डाकघर भवन का शुभारंभ किया।
नव निर्मित बेंगलुरु डाकघर की इमारत में आईआईटी मद्रास और एलएंडटी की तकनीकी जानकारी के साथ 3डी प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया।
3डी मुद्रित कंक्रीट भवन लागत प्रभावी है, निर्माण सामग्री की बर्बादी को कम करता है, पर्यावरण के अनुकूल है और अद्वितीय डिजाइन संभावनाओं के साथ निर्माण को गति देता है।
भारत में डाकघर सेवा:
भारत में डाकघर की शुरुआत 1774 में वारेन हेस्टिंग्स ने पोस्टमास्टर जनरल के अधीन कलकत्ता जीपीओ की नींव रखकर की थी।
इसके साथ ही अन्य दो प्रेसिडेंसियों मद्रास तथा मुंबई में भी 1786 तथा 1793 में जनरल पोस्ट ऑफिस खोले गए।
परन्तु एक समान संचार व्यवस्था हेतु तीनों प्रेसिडेंसियों को 1837 के अखिल भारतीय डाक सेवा अधिनियम द्वारा एक कर दिया गया।
1 अक्टूबर, 1854 को पुन: डाकघर अधिनियम के द्वारा डाक प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन किया गया। वर्तमान डाक प्रणाली की शुरुआत 1 अक्टूबर, 1854 को की गई।
वर्तमान में भारतीय डाकघर अधिनियम 1898 देश में डाक सेवाओं को नियंत्रित कर रहा है।
वर्तमान में देश में 156,721 डाकघरों का एक विशाल तंत्र है। इसमें से तीन-चौथाई से भी अधिक डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैं।
‘ई पोस्ट’ की शुरुआत:
सूचना-तकनीक का प्रयोग कर भारतीय डाक विभाग ने वर्ष 2001 में अत्याधुनिक डाक सेवा प्रारंभ किया है, जिसे ‘ई पोस्ट’ नाम दिया गया है। इसके अंतर्गत प्रेषित संदेशों को कुछ ही घंटों में डाक विभाग द्वारा संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाया जाता है।
भारतीय डाक विभाग ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ का 1976 से तथा ‘एशिया पेसिफिक पोस्टल यूनियन’ का 1964 से सदस्य है।