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भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग ने अपनाया एक नया लोगो और आदर्श वाक्य

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Indian Historical Records Commission adopts a new logo & motto Art and Culture 4 min read

भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग (आईएचआरसी) ने अप्रैल 2024 में अपना एक नया लोगो और आदर्श वाक्य अपनाया है। आईएचआरसी का नया आदर्श वाक्य ‘यत्र इतिहासं भविष्यायां संरक्षितः’ को अपनाया गया है।

प्रतियोगिता के द्वारा नया लोगो और आदर्श वाक्य अपनाया गया: 

  • आईएचआरसी की विशिष्ट पहचान और प्रस्तुत लोकाचार को स्पष्ट रूप से संप्रेषित करने के लिए, लोगो और आदर्श वाक्य के लिए डिज़ाइन आमंत्रित किये गये थे। इसके लिए गत वर्ष 2023 में MyGov पोर्टल पर एक ऑनलाइन प्रतियोगिता आरंभ की गई थी। इस प्रतिक्रिया में कुल 436 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं।

शौर्य प्रताप सिंह के लोगो और आदर्श वाक्य का चयन: 

  • इस प्रतियोगिता में शौर्य प्रताप सिंह (दिल्ली) द्वारा प्रस्तुत लोगो और आदर्श वाक्य प्रविष्टि को विजेता के रूप में चुना गया है।

आईएचआरसी के नए लोगो का प्रारूप: 

  • यह लोगो पूरी तरह से भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग की थीम और विशिष्टता को अभिव्यक्त करता है। 
  • कमल की पंखुड़ियों के आकार के पृष्ठ भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग को ऐतिहासिक रिकॉर्ड हेतु लचीले नोडल संस्थान के रूप में दर्शाते हैं। 
  • इसके मध्य में सारनाथ स्तंभ भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतिनिधित्व करता है। 
  • रंग थीम के रूप में भूरा रंग भारत के ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण, अध्ययन और सम्मान के संगठन के मिशन को सुदृढ़ करता है।

आईएचआरसी के नए आदर्श वाक्य:

  • आदर्श वाक्य ‘यत्र इतिहासं भविष्यायां संरक्षितः’ का अनुवाद इस प्रकार है "जहां इतिहास भविष्य के लिए संरक्षित है।" यह आदर्श वाक्य भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग और उसके कार्य के लिए बहुत महत्व रखता है। 
  • आईएचआरसी ऐतिहासिक दस्तावेजों, पांडुलिपियों, ऐतिहासिक जानकारी के अन्य स्रोतों की पहचान करने, एकत्र करने, सूचीबद्ध करने आदि में भूमिका निभाता है। ऐसा करके आयोग यह सुनिश्चित करता है कि मूल्यवान ऐतिहासिक ज्ञान भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहे। इसलिए, आदर्श वाक्य ऐतिहासिक दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए इन्हें सुलभ बनाने की आयोग की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है।

विजेताओं को पुरस्कार: 

  • विजेता प्रविष्टि को 50,000 रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। जबकि लोगो और आदर्श वाक्य के लिए चार-चार सांत्वना पुरस्कार दिये जाएंगे।
  • लोगो और आदर्श वाक्य के लिए चयनित सभी चार-चार प्रविष्टियों में से प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये की राशि सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाएगी।

भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग (आईएचआरसी) के बारे में: 

  • भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग (आईएचआरसी), अभिलेखीय मामलों पर एक शीर्ष सलाहकार निकाय है। 
  • आईएचआरसी, अभिलेखों के प्रबंधन और ऐतिहासिक अनुसंधान के लिए उनके उपयोग पर भारत सरकार को परामर्श देने के लिए रचनाकारों, संरक्षकों और अभिलेखों के उपयोगकर्ताओं के एक अखिल भारतीय मंच के रूप में कार्य करता है। 
  • आईएचआरसी की स्थापना वर्ष 1919 में हुई थी। 
  • आईएचआरसी का नेतृत्व केंद्रीय संस्कृति मंत्री करते हैं।

FAQ

Answer: भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग (आईएचआरसी)

Answer: यत्र इतिहासं भविष्यायां संरक्षितः

Answer: आईएचआरसी की स्थापना वर्ष 1919 में हुई थी।
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