संगीत नाटक अकादमी के अनुसार, भारत में 8 पारंपरिक शास्त्रीय नृत्य रूप हैं। इन नृत्य शैलियों का गहरा सांस्कृतिक महत्व है। इसके अतिरिक्त, भारत में संस्कृति मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त एक अन्य शास्त्रीय नृत्य शैली छऊ है, जो एक आदिवासी मार्शल आर्ट नृत्य है जो ज्यादातर ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में किया जाता है। इस प्रकार अब शास्त्रीय नर्तकों की कुल संख्या बढ़कर 9 हो गई है। ये नृत्य भारतीय विरासत में एक विशेष स्थान रखते हैं और अपने कलात्मक और ऐतिहासिक मूल्य के लिए संजोए जाते हैं।
महत्वपूर्ण भाग:
भारतीय शास्त्रीय नृत्यों के तीन महत्वपूर्ण भाग हैं:
नाट्य शास्त्र के अनुसार, भारत की नृत्य शैली में आठ रस (संवेदनाएँ) होते हैं। नवीनतम रस शांता है जिसका अर्थ शांति है जिसे अभिनव गुप्ता ने जोड़ा है।
क्र.सं |
शास्त्रीय नृत्य का नाम |
शास्त्रीय नृत्य का स्थान |
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भरतनाट्यम |
तमिलनाडु |
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कथक |
उत्तर प्रदेश , उत्तरी भारत |
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कथकली |
केरल |
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कुचिपुड़ी |
आंध्र प्रदेश |
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मणिपुरी |
मणिपुर |
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मोहिनीअट्टम |
केरल |
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ओडिसी |
ओडिशा |
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सत्रीया |
असम |
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