भारत को आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन से संबंधित समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ)
समझौते के तहत स्थापित तीन आपूर्ति श्रृंखला निकायों में से एक के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है। 14 सदस्यीय आईपीईएफ ने अपनी हल ही में आयोजित आभासी बैठकों में इन निकायों की स्थापना की। ये निकाय हैं ,आपूर्ति श्रृंखला परिषद (एससीसी), संकट प्रतिक्रिया नेटवर्क (सीआरएन), और श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड (एलआरएबी) हैं।
भारत आपूर्ति श्रृंखला परिषद का उपाध्यक्ष
आईपीईएफ के 14 सदस्य देशों ने इन तीन आपूर्ति श्रृंखला निकायों के लिए एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का चुनाव किया जिनका कार्यकाल दो साल का होगा ।
- आपूर्ति श्रृंखला परिषद: अध्यक्ष-यूएसए, उपाध्यक्ष-भारत।
- संकट प्रतिक्रिया नेटवर्क: अध्यक्ष- दक्षिण कोरिया, उपाध्यक्ष- जापान।
- श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड: अध्यक्ष- यूएसए, उपाध्यक्ष- फिजी।
समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) के बारे में
समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ),संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के नेतृत्व वाली एक पहल है जिसे 23 मई 2022 को टोक्यो, जापान में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा लॉन्च किया गया था।
आईपीईएफ का लक्ष्य साझेदार देशों के बीच आर्थिक संपर्क और सहयोग को बढ़ावा देना, क्षेत्र में विकास, आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाना है।
आईपीईएफ संबंधित चार स्तंभों के माध्यम से अपने उद्देश्य को प्राप्त करना चाहता है। ये स्तंभ हैं :
- स्तंभ I- निष्पक्ष और लचीला व्यापार
- स्तंभ II- आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन;
- स्तंभ III-बुनियादी ढांचा, डीकार्बोनाइजेशन और स्वच्छ ऊर्जा; और
- स्तंभ IV- कर और भ्रष्टाचार विरोधी।
आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन समझौता
- पहले आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन समझौते पर नवंबर 2023 में वाशिंगटन, डी.सी., यूएसए में आईपीईएफ के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे ।
- सदस्य देशो द्वारा अनुमोदित होने ज्के बाद आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन समझौता फरवरी 2024 में लागू हुआ।
आपूर्ति शृंखला क्या है?
- एक आपूर्ति श्रृंखला किसी उत्पाद या सेवा के उत्पादन और वितरण की पूरी प्रणाली को संदर्भित करती है, जिसमें कच्चे माल की आपूर्ति से लेकर अंतिम उपयोगकर्ताओं तक वितरण शामिल है।
- आईपीईएफ की स्थापना का मुख्य कारण चीन पर निर्भरता कम करना और महामारी या अन्य कारणों से आपूर्ति में व्यवधान को कम करना था।
- चीन दुनिया की फैक्ट्री के रूप में उभरा है और विश्व आपूर्ति श्रृंखला का केंद्र है। कोविड महामारी के दौरान, दुनिया ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान देखा, जिससे दुनिया भर के देशों को भारी आर्थिक और अन्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
- आईपीईएफ का लक्ष्य आपूर्ति श्रृंखला को चीन से दूर आईपीईएफ के सदस्य देशों में स्थानांतरित करना और इसे महामारी जैसे झटके को सहन करने के लिए पर्याप्त लचीला बनाना है।
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
आईपीईएफ़ /IPEF: इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (Indo-Pacific Economic Framework Framework for Prosperity)