भारत और अर्जेंटीना ने अर्जेंटीना में लिथियम खदानों की खोज और विकास में सहयोग को गहरा करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
19 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल) और कैटामार्का, अर्जेंटीना की प्रांतीय सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
भारत सरकार के स्वामित्व वाली मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड,केंद्रीय खान मंत्रालय के अंतर्गत है।
नई दिल्ली में अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत के गवर्नर एलेजांद्रो जलील के साथ केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी की बैठक के दौरान इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
उम्मीद है कि इस एमओयू से भारत को 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के अपने उद्देश्य को साकार करने और देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
भारत अपनी लिथियम आवश्यकता के लिए 100 प्रतिशत आयात पर निर्भर है।
लिथियम में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए, भारत सरकार ने भारतीय कंपनियों को विदेशों में लिथियम खदानों में निवेश करने और भारत में लिथियम भंडार की खोज करने के लिए प्रोत्साहित करने की नीति अपनाई है।
जम्मू-कश्मीर के रायसी क्षेत्र में लिथियम भंडार की खोज की गई है लेकिन इस क्षेत्र में अभी खनन शुरू नहीं हुआ है।
हाल ही में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन भारतीय कंपनियों और अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत के बीच हस्ताक्षरित होने वाला दूसरा ऐसा समझौता है।
जनवरी 2024 में, केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी खानिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल ) ने अर्जेंटीना में पांच लिथियम ब्राइन ब्लॉक हासिल करने के लिए कैटामार्का मिनेरा वाई एनर्जेटिका सोसिएडैड डेल एस्टाडो (सीएएमवाईईएन) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
सीएएमवाईईएन, अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में राज्य के स्वामित्व वाली खनन और ऊर्जा कंपनी है।
एमओयू के तहत, केएबीआईएल को इन पांच ब्लॉकों में लिथियम का पता लगाने और उसका व्यावसायिक उपयोग करने का का विशेष अधिकार मिला है।
अर्जेंटीना की राजधानी- ब्यूनस आयर्स
मुद्रा - अर्जेंटीनी पेसो
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