केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को अपना लगातार आठवां बजट पेश किया। लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद यह नरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा बजट था।
पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में भारतीय रेलवे के लिए बजटीय आवंटन में कोई बदलाव नहीं किया गया है और वित्तीय वर्ष 2025-26 के पिछले साल की तरह 2.52 लाख करोड़ रुपये रखा गया है।
रेल बजट और केंद्रीय बजट
- भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान रेलवे बजट, ब्रिटिश भारत सरकार के बजट के साथ पेश किया जाता था।
- एक्वर्थ समिति की सिफ़ारिश पर 1924 में रेलवे बजट को ब्रिटिश भारत सरकार के बजट से अलग कर दिया गया।
- स्वतंत्र भारत का पहला रेल बजट 20 नवंबर 1947 को जॉन मथाई ने पेश किया था।
- 2017-18 में रेलवे बजट को केंद्रीय बजट का हिस्सा बना दिया गया और इसे केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में पेश किया।
- बाबू जगजीवन राम के नाम सात बार रेल बजट पेश करने का रिकॉर्ड है
रेल बजट 2025-26 के मुख्य बिन्दु
पूंजीगत व्यय के लिए आवंटन
2025-26 के लिए कुल पूंजीगत व्यय लक्ष्य 2,62,000 करोड़ रुपये है जो इस प्रकार है:
- बजटीय आवंटन - 2,52,000 करोड़ रुपये, पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 के समान।
- गैर बजटीय स्रोत- 10,000 करोड़ रुपये,
- निर्भया फंड- 200 करोड़ रुपये
- रेलवे के आंतरिक संसाधनों से- 3,000 करोड़ रुपये।
पूंजीगत व्यय का मतलब है कि रेलवे, सुरक्षा सुनिश्चित करने पर निरंतर ध्यान देने के साथ रेल ट्रैक विस्तार, रोलिंग स्टॉक(रेल के कोच) खरीद, विद्युतीकरण, सिग्नलिंग सुधार और स्टेशन आधुनिकीकरण जैसी आवश्यक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में पैसा निवेश करेगा।
रेलवे वित्तीय प्रदर्शन
- 2025-26 में भारतीय रेलवे के लिए परिचालन अनुपात का लक्ष्य 98.43 प्रतिशत है, जबकि 2024-25 वित्तीय वर्ष के दौरान यह अनुपात 98.90 प्रतिशत था।
- इसका मतलब है कि रेलवे 100 रुपये कमाने के लिए 98.43 रुपये खर्च करता है।
- परिचालन अनुपात का उपयोग किसी भी संगठन की वित्तीय दक्षता को मापने के लिए किया जाता है। यदि परिचालन अनुपात 100 से कम है, तो इसका मतलब है कि संगठन/रेलवे लाभ में है, और यदि यह 100 से ऊपर है, तो संगठन/रेलवे घाटे में है।
- परिचालन अनुपात जितना कम होगा, रेलवे उतना ही अधिक कुशल होगा।
राजस्व सृजन लक्ष्य
- 2025-26 में रेलवे के कुल राजस्व सृजन का लक्ष्य- 3.02,000 करोड़ रुपये है , जबकि 2025-25 में संशोधित अनुमान के अनुसार कुल राजस्व 2,79,000 करोड़ रुपये था ।
- भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार, एक वर्ष में राजस्व सृजन 3 लाख करोड़ को पार करने की उम्मीद है।
- 2025-26 में माल परिवहन से राजस्व सृजन का लक्ष्य 1,88,000 करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4% अधिक है।
- 2024-25 में यात्री खंड से राजस्व सृजन का लक्ष्य 92,800 करोड़ रुपये है, जो पिछले साल के मुक़ाबले 16% की वृद्धि दर्शाता है। 2024-25 में यह 82,000 करोड़ था।
- रेलवे को ट्रेनों की संख्या में वृद्धि और अधिक मात्रा में रेल यात्रियों द्वारा सफर करने के कारण, यात्री राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है।
चीन के बाद भारतीय रेलवे
- भारतीय रेलवे ने 31 मार्च 2026 तक 1.6 बिलियन टन माल ढुलाई का लक्ष्य रखा है।
- अगर भारतीय रेलवे इस लक्ष्य को हासिल कर लेता है तो वह चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा माल ढोने वाला रेलवे बन जाएगा।
31 मार्च 2026 तक 100% विद्युतीकरण का लक्ष्य
- भारतीय रेलवे ने 31 मार्च 2026 तक रेल मार्गों के 100% विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है।
- रेल मार्ग के विद्युतीकरण का इतिहास
- 3 फरवरी 1925 को भारत में तब इतिहास रचा गया जब देश की पहली विदूयत चालित ट्रेन बॉम्बे वीटी (अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) से मुंबई के कुर्ला हार्बर तक चली थी ।
- आजादी के बाद देश में 1958 में ,विद्युतीकृत होने वाला पहला विद्युत मार्ग पश्चिम बंगाल में हावड़ा-बर्दवान खंड था।
यात्री सुविधा में सुधार के लिए अधिक ट्रेनों पर ध्यान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, भारतीय रेलवे अगले दो से तीन वर्षों में 200 नई वंदे भारत ट्रेनें, 17,500 सामान्य गैर-एसी कोच, 100 अमृत भारत ट्रेनें, 50 नमो भारत रैपिड रेल शुरू करेगा।
17,500 सामान्य कोचों में से 1400 कोच 2025-26 में और 2,000 कोच 2026-27 में शामिल किए जाएंगे।
भारतीय रेलवे अपने यात्री डिब्बों का निर्माण यहां करती है:
- इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), चेन्नई, तमिलनाडु। इसकी स्थापना 1955 में की गई थी।
- रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ)- कर्पुतला, पंजाब। इसका उत्पादन 1987 में शुरू हुआ।
- मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ)- लालगंज, उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में। इसका उत्पादन 2014 में शुरू हुआ था।
भारतीय रेलवे अपने आईसीएफ़ यात्री कोचों को लिंके-हॉफमैन-बुश (एलएचबी) कोचों से बदल रहा है जिसमे में बेहतर सुरक्षा और सुविधा सुविधाएँ होती हैं।
रेलवे सुरक्षा
- कुल आवंटन में से 1.14 लाख करोड़ रुपये रेलवे सुरक्षा में सुधार के लिए आवंटित किए गए हैं।
- 2024-25 में भारतीय रेलवे की सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे ।