प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक मांगी लाल जाट को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का अगला महानिदेशक नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। मांगी लाल जाट हिमांशु जैन की जगह लेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (आईसीआरआईएसएटी) के महानिदेशक के रूप में हाल ही में कार्य भर संभाला है।
आईसीएआर के महानिदेशक के रूप में कार्य करने के अलावा मांगी लाल जाट कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डीएआरई) के नए सचिव भी होंगे।
सरकार ने मांगी लाल जाट को तीन साल की अवधि के लिए नियुक्त किया है, जो उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से शुरू होगी।
मांगी लाल जाट का जन्म 4 मई, 1971 को राजस्थान के पचकोड़िया में हुआ था।
मांगी लाल जाट ने आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली में वर्षा आधारित बाजरा के लिए मृदा नमी संरक्षण में विशेषज्ञता के साथ कृषि विज्ञान में अपनी पीएचडी पूरी की।
उनकी विशेषज्ञता में पुनर्योजी कृषि, संरक्षण कृषि, कृषि प्रणाली, परिशुद्धता खेती और जलवायु-स्मार्ट कृषि में हैं।
डॉ. मांगी लाल जाट एक प्रसिद्ध सिस्टम एग्रोनॉमिस्ट हैं, जिन्हें सिस्टम साइंस में 25 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों शोध संस्थानों में काम किया है।
12 वर्षों तक, वे अंतर्राष्ट्रीय मक्का और गेहूं सुधार केंद्र में प्रमुख वैज्ञानिक और सिस्टम एग्रोनॉमिस्ट रहे।
उन्होंने फिलीपींस में स्थित अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) में भी काम किया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की स्थापना 16 जुलाई 1929 को कृषि अनुसंधान की शाही परिषद के रूप में की गई थी।
इसकी स्थापना 1928 में लॉर्ड लिनलिथगो की अध्यक्षता में ब्रिटिश भारतीय सरकार द्वारा स्थापित कृषि पर रॉयल कमीशन की सिफारिश पर की गई थी।
मंत्रालय
आईसीएआर के कार्य
आईसीएआर बागवानी, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान सहित कृषि में अनुसंधान करने के लिए देश का सर्वोच्च निकाय है।
आईसीएआर भारत में कृषि विश्वविद्यालयों को भी नियामक है।
आईसीएआर के देश भर में 113 से अधिक शोध संस्थान हैं।
आईसीएआर ने हरित क्रांति में अहम भूमिका निभाते हुए भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्यालय: नई दिल्ली