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गुजरात की पहली हेरिटेज ट्रेन को पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
First Heritage Train of Gujarat Flagged Off By PM Modi Place in News 5 min read

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की पहली हेरिटेज ट्रेन का उद्घाटन किया। ट्रेन को एक इलेक्ट्रिक इंजन द्वारा चलाया जाएगा जिसे दिखने में भाप लोकोमोटिव जैसा डिज़ाइन किया गया है और इसका आंतरिक भाग लकड़ी का बना हुआ है। 

  • तीन कोच वाली यह ट्रेन एकता नगर या केवडिया, जहाँ 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' और सरदार वल्लभाई पटेल का स्मारक स्थित है, को अहमदाबाद से जोड़ेगी। यह नई ट्रेन एकता नगर में उपलब्ध आकर्षणों की शोभा को और बढ़ाएगी। 
  • यह क्षेत्र की गौरवशाली विरासत को दर्शाता है। इसे आधुनिक सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है। हालांकि यह इंजन भाप इंजन जैसा दिखता है, लेकिन यह बिजली से संचालित होगा।

एकता नगर रेलवे स्टेशन

  • रेल मंत्रालय ने 2022 में केवडिया रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर एकता नगर रेलवे स्टेशन कर दिया, जो गुजरात के वड़ोदरा डिवीजन के अंतर्गत आता है।
  • यह दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा "स्टेशन स्टैच्यू ऑफ यूनिटी"  परिसर में आता है।
  • सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का नाम दिया गया है

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में

  • भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि के रूप में यह प्रतिमा बनाई गई है, जिन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण के लिए देश की सभी 562 रियासतों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 
  • गुजरात के केवडिया में स्थित, दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन 31 अक्टूबर, 2018 को किया गया था। 
  • 182 मीटर का यह स्मारक स्वतंत्र भारत के कला को प्रदर्शित करता है और यहाँ से नर्मदा नदी दिखाई देती है। 
  • यह प्रतिमा साधु बेट पहाड़ी पर स्थित है और 300 मीटर लंबे पुल के माध्यम से मुख्य भूमि को जोड़ता है जो आगंतुकों को पहुँच मार्ग प्रदान करती है। 
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विशाल सरदार सरोवर बाँध और नर्मदा नदी के नदी बेसिन का एक मनोरम दृश्य भी प्रदान करती है, जिसमें प्राकृतिक सतपुड़ा और विंध्याचल पहाड़ियाँ शामिल हैं।

भारत की विश्व धरोहर रेलवे

भारतीय रेलवे को चार यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल होने का गौरव प्राप्त है, जिसमें दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (1999), नीलगिरि माउंटेन रेलवे (2005), कालका शिमला रेलवे (2008), और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई (2004) आते हैं। इसके अतिरिक्त, दो और साइटें, अर्थात् माथेरान लाइट रेलवे और कांगड़ा वैली रेलवे, समान मान्यता के साथ अस्थायी सूची में दर्ज हैं।

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर)

1999 में यूनेस्को में शामिल किए गए दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे एक नैरो-गेज रेलवे है। जो 88.48 किलोमीटर तक फैली हुई है और घूम से गुजरते हुए न्यू जलपाईगुड़ी को दार्जिलिंग से जोड़ती है, जो 2,258 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसमें रेलवे के अनूठे डिज़ाइन में  1:31 के रूलिंग ग्रेडिएंट के साथ छह ज़िगज़ैग रिवर्स और तीन लूप हैं।

नीलगिरि माउंटेन रेलवे (एनएमआर)

नीलगिरि माउंटेन रेलवे (एनएमआर) को 2005 में यूनेस्को में शामिल किया गया। यह भारत के तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में स्थित एक मीटर गेज रेलवे है, जिसे 1908 में अंग्रेजों द्वारा निर्मित किया गया था।

कालका शिमला रेलवे (केएसआर)

कालका-शिमला रेलवे को 2004 में यूनेस्को में शामिल किया गया। यह उत्तर भारत में स्थित एक नैरो-गेज रेलवे है जो कालका से शिमला तक ज्यादातर पहाड़ी मार्ग को पार करते हुए गुजरती है।

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई (सीएसएमटी)

2004 में यूनेस्को में शामिल छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, जिसे बॉम्बे वी.टी. या विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से भी जाना जाता है। ब्रिटिश राष्ट्रमंडल की 19वीं सदी के उत्तरार्ध की रेलवे वास्तुकला का एक उल्लेखनीय उदाहरण है। यह इमारत विक्टोरिया गोथिक रिवाइवल और पारंपरिक भारतीय विशेषताओं के साथ-साथ उन्नत संरचनात्मक और तकनीकी विशेषताओं का  मिश्रण है।

FAQ

उत्तर: एकता नगर से अहमदाबाद तक |

उत्तर: भारत में स्थित दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा यानी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी यहीं पर है |

उत्तर : सरदार वल्लभ भाई पटेल |

उत्तर: 182 मीटर

उत्तर : केवड़िया रेलवे स्टेशन
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