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डीआरडीओ ने चांदीपुर में अभ्यास प्रणाली का अंतिम परीक्षण सफलतापूर्वक किया

Utkarsh Classes Last Updated 29-06-2024
DRDO successfully conducts final test of ABHYAS system at Chandipur Defence 4 min read

रक्षा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 27 जून 2024 को चांदीपुर, ओड़ीशा में स्थित अपने  एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर ) , में हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (एचईएटी) 'अभ्यास' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।डीआरडीओ के अनुसार  'अभ्यास'  प्रणाली की 10 सफलतापूर्वक विकासात्मक उड़ान ने इस प्रणाली की विश्वसनीयता साबित की है।

अभ्यास प्रणाली के अंतिम सफल परीक्षण के साथ ही यह अब उत्पादन और भारतीय सशस्त्र बलों में  शामिल होने के लिए तैयार है।

27 जून को आयोजित परीक्षण में डीआरडीओ ने 'अभ्यास'  प्रणाली में किए गए नए उन्नत रडार क्रॉस सेक्शन, विज़ुअल और इन्फ्रारेड संवर्द्धन का सफल  परीक्षण किया। नवीनतम परीक्षण ने इस प्रणाली के  बूस्टर की सुरक्षित मुक्ति, लॉन्चर क्लीयरेंस,सहनशक्ति और प्रदर्शन के क्षेत्र में सिस्टम के प्रदर्शन को मान्य किया।

अभ्यास प्रणाली 

अभ्यास मूलतः एक ड्रोन है जिसे सशस्त्र बलों के लिए लक्ष्य अभ्यास के लिए डिज़ाइन किया गया है।

यह एक हवाई वाहन है जिसका उपयोग डमी शत्रु हवाई वाहन के रूप में किया जाएगा। भारतीय सशस्त्र बल अभ्यास को एक डमी के रूप में उपयोग करके शत्रु हवाई हमले को मार गिराने में अपने कौशल को निखारेंगे।

 इसे जमीन पर लैपटॉप टॉप के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। यह सशस्त्र बलों को अपनी हथियार प्रणाली का अभ्यास करने के लिए एक यथार्थवादी युद्ध जैसा परिदृश्य प्रदान करता है।

डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान, बेंगलुरु ने अभ्यास प्रणाली को डिजाइन किया है। इसका उत्पादन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और निजी क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टुब्रो द्वारा किया जा रहा है।  अभ्यास के बूस्टर को डीआरडीओ की एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी द्वारा डिजाइन किया गया है और इसके नेविगेशन सिस्टम को डीआरडीओ के रिसर्च सेंटर इमारत, हैदराबाद की प्रयोगशाला द्वारा डिजाइन किया गया है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'अभ्यास' के सफल विकासात्मक परीक्षणों से जुड़े डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और भारतीय उद्योग की प्रशंसा की। 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने भी सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी टीमों को बधाई दी।

यह डीआरडीओ की लगातार दूसरी सफलता है। 26 जून को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में, डीआरडीओ  ने अपनी जोधपुर प्रयोगशाला द्वारा विकसित मीडियम रेंज-माइक्रोवेव ऑब्स्क्यूरेंट चैफ रॉके ट(एमआर--एमओसीआर) को भारतीय नौसेना को सौंप दिया था ।

FAQ

उत्तर: यह एक ड्रोन है जिसे सशस्त्र बलों के लिए हवाई लक्ष्य अभ्यास के लिए विकसित किया गया है।

उत्तर: वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान, बेंगलुरु।

उत्तर: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और निजी क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टुब्रो।

उत्तर: ओडिशा के बालासोर जिले में चांदीपुर द्वीप पर ।

उत्तर: डॉ. समीर.वी.कामथ।
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