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सीएसआईआर ने स्वदेशी रूप से पैरासिटामोल दवा विकसित की

Utkarsh Classes Last Updated 06-01-2025
CSIR develops Paracetamol drugs indigenously Place in News 4 min read

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने घोषणा की है कि वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने स्वदेशी रूप से पैरासिटामोल दवा का उत्पादन करने की तकनीक विकसित की है। 

5 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में  आयोजित वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के 40वें स्थापना दिवस पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसकी घोषणा की। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का एक हिस्सा है।

सीएसआईआर के महानिदेशक,डीएसआईआर के सचिव होते हैं। इस अवसर पर डीएसआईआर के वर्तमान सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर ए.के. सूद भी उपस्थित थे।

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग का 40वां स्थापना दिवस

  • वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग की स्थापना 1985 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। डीएसआईआर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है।
  • विभाग का मुख्य कार्य स्वदेशी प्रौद्योगिकी संवर्धन, विकास, उपयोग और हस्तांतरण से संबंधित गतिविधियों को अंजाम देना है।

सीएसआईआर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण

इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर द्वारा पैरासिटामोल के निर्माण के लिए स्वदेशी तकनीक के विकास से भारत बुखार और दर्द के मामले में इस्तेमाल की जाने वाली इस दवा में आत्मनिर्भर हो जाएगा। वर्तमान में, भारत दुनिया के कई हिस्सों से दवा के प्रमुख तत्वों का आयात करता है। 

किफायती पैरासिटामोल के घरेलू स्तर पर निर्माण के लिए यह तकनीक कर्नाटक स्थित सत्य दीप्था फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी गई है। 

इस अवसर पर मंत्री ने दवा प्रतिरोधी जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए पहली स्वदेशी रूप से विकसित एंटीबायोटिक "नेफिथ्रोमाइसिन" के विकास और लॉन्च का भी उल्लेख किया।  इस एंटीबायोटिक को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत "बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल" के सहयोग से विकसित किया गया है।

40वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान सीएसआईआर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी को निजी कंपनियों को हस्तांतरित करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

पैरासिटामोल के अलावा, 100 दिन 100 प्रौद्योगिकी कार्यक्रम अभियान के तहत सीएसआईआर की विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित 16 और प्रौद्योगिकियों को विनिर्माण उद्देश्यों के लिए विभिन्न कंपनियों को हस्तांतरित किया गया।

सीएसआईआर के बारे में

सीएसआईआर की स्थापना 1942 में वैज्ञानिक ज्ञान को बढ़ावा देने और भारत के औद्योगीकरण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।

यह दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान और विकास संगठनों में से एक है।

सीएसआईआर के पास 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का नेटवर्क है।

मुख्यालय: नई दिल्ली

अध्यक्ष: भारत के प्रधान मंत्री

महानिदेशक: डॉ. एन. कलैसेलवी

FAQ

उत्तर: नई दिल्ली

उत्तर: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह

उत्तर: डॉ. एन. कलैसेलवी, जो सीएसआईआर के महानिदेशक भी हैं।

उत्तर: वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)
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