केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2024 में आठ प्रमुख कोर उद्योगों का सूचकांक 6.7 फीसदी बढ़ा है। जनवरी 2024 में कोर इंडस्ट्री इंडेक्स में वृद्धि दर 4.1 फीसदी थी। उर्वरक क्षेत्र को छोड़कर सभी क्षेत्रों ने सूचकांक में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। उर्वरक क्षेत्र में 9.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
उत्पादन के आंकड़े की तुलना पिछले वर्ष की समान अवधि से की गई है।
कुछ उद्योगों को देश की औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों के लिए 'प्रमुख आधार' माना जाता है। भारत में, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के आर्थिक सलाहकार का कार्यालय, प्रमुख उद्योगों का सूचकांक संकलित करता है।
प्रमुख उद्योगों का सूचकांक, सूचकांक में शामिल मुख्य उद्योगों के उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन को दर्शाता है। मुख्य उद्योगों के महत्व को ध्यान में रखते हुए, प्रमुख उद्योगों के सूचकांक के आंकड़े हमेशा औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) से पहले जारी किए जाते हैं।
प्रमुख उद्योगों का सूचकांक को पहली बार 2007-08 में पेश किया गया था जिसका आधार वर्ष 1993-94 था। शुरुआत में इसमें छः मुख्य उद्योग शामिल किए गए थे: कोयला, सीमेंट, बिजली, कच्चा तेल, रिफाइनरी उत्पाद और स्टील।
बाद में प्राकृतिक गैस और उर्वरकों को शामिल कर सूचकांक का विस्तार किया गया।
सूचकांक में शामिल आठ प्रमुख उद्योग हैं:
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में आठ प्रमुख उद्योगों का भारांक 40.27 प्रतिशत है। कोर इंडस्ट्रीज के वर्तमान सूचकांक का आधार वर्ष 2011-2012 है।
प्रमुख उद्योगों के सूचकांक की संरचना और प्रमुख उद्योगों के सूचकांक में उनका भार निम्नलिखित है।
क्रमांक |
प्रमुख उद्योग |
आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक में भारांक |
1. |
रिफाइनरी उत्पाद |
28.04 प्रतिशत |
2. |
बिजली |
19.85 प्रतिशत |
3. |
इस्पात |
17.92 प्रतिशत |
4. |
कोयला |
10.33 प्रतिशत |
5. |
कच्चा तेल |
8.98 प्रतिशत |
6. |
प्राकृतिक गैस |
6.88 प्रतिशत |
7. |
सीमेंट |
5.37 प्रतिशत |
8. |
उर्वरक |
2.63 प्रतिशत |
Total |
8 |
100 प्रतिशत |