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योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में पांच नई आध्यात्मिक गलियारों की घोषणा की

Utkarsh Classes Last Updated 01-03-2025
CM Yogi Adityanath announces five spiritual corridors in Uttar Pradesh Uttar Pradesh 5 min read

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 फरवरी 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ के समापन के बाद राज्य में पांच नए आध्यात्मिक गलियारों के विकास की घोषणा की है। 

144 वर्षों में एक बार आयोजित  महाकुंभ का  13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में आयोजन हुआ था  जिसमें 60 करोड़ से अधिक लोगों ने प्रयागराज में पवित्र संगम में डुबकी लगाई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ के दौरान प्रमुख धार्मिक स्थलों तक कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए राज्य में पांच नए आध्यात्मिक गलियारे विकसित किए गए हैं।

इन पांच नए गलियारों के विकास से राज्य में आध्यात्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

पाँच नये आध्यात्मिक गलियारा 

उत्तर प्रदेश में नव विकसित आध्यात्मिक गलियारे निम्नलिखित हैं, जो प्रयागराज को अन्य आध्यात्मिक स्थलों से जोड़ते हैं।

प्रयागराज-विंध्याचल-काशी कॉरिडोर

प्रयागराज-विंध्याचल-काशी गलियारा प्रयागराज को विंध्याचल देवी धाम और फिर काशी (वाराणसी) से जोड़ता है। 

विंध्याचल देवी धाम राज्य के मिर्ज़ापुर जिले में स्थित है और माँ विंध्यवासिनी के नाम से प्रसिद्ध देवी शक्ति का निवास स्थान है। काशी भगवान शिव का पवित्र स्थान है।

प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर 

प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर गलियारा, भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या और गोरखपुर को जोड़ता है। 

गोरखपुर का नाम नाथ मठ समूह के संत गोरखनाथ के नाम पर पड़ा है।

जिले में गोरखनाथ मठ नाथ परंपरा के नाथ मठ समूह का एक मंदिर है। 

नाथ परंपरा की स्थापना गुरु मत्स्येंद्रनाथ ने की थी।

प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य मार्ग

प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य  गलियारा, प्रयागराज को नैमिषारण्य धाम से जोड़ता है।

नैमिषारण्य धाम,गोमती नदी के किनारे सीतापुर जिले में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहां 33 करोड़ हिंदू देवी-देवता निवास करते हैं। 

नैमिषारण्य धाम को 88,000 ऋषियों की तप स्थली माना जाता है और यह धाम,हिंदू धर्म के 88 पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है।

इस धाम का उल्लेख सभी पवित्र हिंदू ग्रंथों में किया गया है और यह धाम भगवान शिव, भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और देवी सती से जुड़ा हुआ है।

प्रयागराज-मथुरा-वृन्दावन-शुक तीर्थ गलियारा

तीर्थयात्री बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के माध्यम से प्रयागराज से मथुरा-वृन्दावन और शुक तीर्थ तक पहुँच सकते हैं।

शुक तीर्थ राज्य के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित है।

 ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर शुकदेव गोस्वामी ने अभिमन्यु के पुत्र महाराजा परीक्षित को पवित्र श्रीमद-भागवतम (भागवत पुराण) सुनाया था।

मथुरा-वृंदावन का जुड़वां शहर भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है और उनके बचपन से जुड़ा हुआ है।

यह भी पढ़ें: न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में महाकुंभ भगदड़ पर न्यायिक आयोग गतिठ

 

FAQ

उत्तर: प्रयागराज-विंध्याचल-काशी; प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर; प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य; प्रयागराज-राजापुर-चित्रकूट; प्रयागराज-मथुरा-वृन्दावन एवं शुकतीर्थ गलियारा।

उत्तर :सीतापुर

उत्तर : गुरु मत्स्येन्द्रनाथ
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