केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों लिथियम, नायोबियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई) के संबंध में रॉयल्टी की दर तय करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 ('एमएमडीआर अधिनियम') की दूसरी अनुसूची में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023:
- अगस्त 2023 में, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 (एमएमडीआर अधिनियम) संसद द्वारा पारित किया गया था, जो 17 अगस्त, 2023 से लागू हो गया है।
सरकार ने छह खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से निकाला:
- इस संशोधन के द्वारा अन्य बातों के अलावा, लिथियम और नायोबियम सहित छह खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटा दिया गया है।
- इससे नीलामी के माध्यम से निजी क्षेत्र को इन खनिजों के लिए रियायतें देने की अनुमति मिल जाएगी।
महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के खनन पट्टे और समग्र लाइसेंस की नीलामी सरकार करेगी:
- संशोधन में प्रावधान किया गया है कि लिथियम, नायोबियम और आरईई (यूरेनियम और थोरियम रहित) के साथ 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के खनन पट्टे और समग्र लाइसेंस की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।
- रॉयल्टी की दर के मामले में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से केंद्र सरकार देश में पहली बार लिथियम, नायोबियम और आरईई के लिए ब्लॉकों की नीलामी करने में सक्षम होगी।
- ब्लॉकों की नीलामी में बोलीकर्ताओं के लिए खनिजों पर रॉयल्टी दर एक महत्वपूर्ण वित्तीय पक्ष है। इसके अलावा, इन खनिजों के औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) की गणना के लिए खान मंत्रालय द्वारा प्रणाली भी तैयार की गई है, जो बोली मापदंडों के निर्धारण को सक्षम करेगी।
खनिजों के लिए रॉयल्टी दर तय करना:
- एमएमडीआर अधिनियम की दूसरी अनुसूची विभिन्न खनिजों के लिए रॉयल्टी दरें तय करती है। दूसरी अनुसूची की मद संख्या 55 में यह प्रावधान है कि जिन खनिजों की रॉयल्टी दर विशेष रूप से उपलब्ध नहीं की गई है, उनके लिए रॉयल्टी दर औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) का 12 प्रतिशत होगी।
- इस प्रकार, यदि लिथियम, नायोबियम और आरईई के लिए रॉयल्टी दर विशेष रूप से उपलब्ध नहीं की जाती है, तो उनकी डिफ़ॉल्ट रॉयल्टी दर एएसपी का 12 प्रतिशत होगी।
- साथ ही, 12 प्रतिशत की यह रॉयल्टी दर अन्य खनिज उत्पादक देशों के बराबर नहीं है। इस प्रकार, लिथियम, नायोबियम और आरईई की उचित रॉयल्टी दर निम्नानुसार निर्दिष्ट करने का निर्णय लिया गया है:
- लिथियम - लंदन मेटल एक्सचेंज मूल्य का तीन प्रतिशत,
- नायोबियम - औसत बिक्री मूल्य का तीन प्रतिशत (प्राथमिक और द्वितीयक स्रोतों दोनों के लिए),
- आरईई - रेयर अर्थ ऑक्साइड के औसत बिक्री मूल्य का एक प्रतिशत
सरकार के इस निर्णय का महत्व:
- देश में आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण खनिज जरूरी हो गए हैं। ऊर्जा परिवर्तन और 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के प्रति भारत के संकल्प को मद्देनजर रखते हुए लिथियम और आरईई जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की अहमियत बढ़ गई है।
- लिथियम, नायोबियम और आरईई भी अपने उपयोग और भू-राजनीतिक परिदृश्य के कारण रणनीतिक तत्वों के रूप में उभरे हैं।
इससे क्या लाभ होगा?
- स्वदेशी खनन को प्रोत्साहित करने से आयात में कमी आएगी और संबंधित उद्योगों तथा अवसंरचना परियोजनाओं की स्थापना होगी।
- इसकी आयत पर निर्भरता में कमी आएगी, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।
- इस प्रस्ताव से खनन क्षेत्र में रोजगार बढ़ने की भी उम्मीद है।
भविष्य में सरकार की योजना क्या है?
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने हाल ही में आरईई और लिथियम ब्लॉक की अन्वेषण रिपोर्ट सौंपी है।
- इसके अलावा, जीएसआई और अन्य अन्वेषण एजेंसियां देश में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की पड़ताल कर रही है।
- केंद्र सरकार लिथियम, आरईई, निकेल, प्लैटिनम ग्रुप ऑफ एलिमेंट्स, पोटाश, ग्लौकोनाइट, फॉस्फोराइट, ग्रेफाइट, मोलिब्डेनम इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी का पहला दौर शीघ्र ही शुरू करने की दिशा में काम कर रही है।
लिथियम:
- वर्तमान में लिथियम नया 'सफेद सोना' बन गया है क्योंकि इसकी उच्च-क्षमता वाली रिचार्जेबल बैटरी में उपयोग के कारण इसकी मांग बढ़ रही है।
- यह एक नरम तथा चाँदी के समान सफेद धातु है।
- मानक परिस्थितियों में यह सबसे हल्की धातु और सबसे हल्का ठोस तत्त्व है।
- यह अत्यधिक प्रतिक्रियाशील और ज्वलनशील है, अत: इसे खनिज तेल के रूप में संग्रहीत किया जाना चाहिये।
- लिथियम अपने सामरिक महत्त्व के कारण परमाणु और अन्य उच्च तकनीकी उद्योगों जैसे- इलेक्ट्रॉनिकस, दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, रक्षा आदि में उपयोग की जाती हैं।
- लिथियम धातु का उयोग मिश्रित धातुओं को बनाने में किया जाता है।
नायोबियम:
- नायोबियम एक सफेद धातु है जो हवा और तत्वों के संपर्क में आने पर नीले, पीले और हरे रंग के विभिन्न रंगों में बदल जाता है।
रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई):
- दुर्लभ-पृथ्वी तत्वों (आरईई) को दुर्लभ-पृथ्वी धातु या लैंथेनाइड्स भी कहा जाता है।
- आरईई 17 धात्विक तत्वों का एक समूह है। इनमें 15 लैंथेनाइड्स के अतिरिक्त स्कैंडियम और येट्रियम भी आरईई की श्रेणी में आते हैं।
भारत में आरईई का उत्पादन:
- भारत में पर्याप्त मात्रा आरईई पाए जाते हैं। लगभग 7 मिलियन टन से अधिक आरईई भंडार के साथ भारत में वैश्विक आरईई भंडार का 5% से अधिक पाया जाता है। भारत इसके उत्पादन के मामले में विश्व में पांचवे स्थान पर है।
- 1950 के दशक में भारत ने घरेलू आरईई उत्पादन क्षमता विकसित करना आरंभ किया।
- भारत द्वारा आरईई के खनन और प्रसंस्करण के लिए इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड (आईआरईएल) की स्थापना की।
परीक्षा हेतु संभावित प्रश्न:
Q. 1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किन खनिजों के संबंध में रॉयल्टी की दर तय करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन को मंजूरी दी है?
Answer - लिथियम, नायोबियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई)
Q. 2. खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 को सरकार किस तारीख से लागू किया है?
Answer - अगस्त 2023 में, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 (एमएमडीआर अधिनियम) संसद द्वारा पारित किया गया था, जो 17 अगस्त, 2023 से लागू हो गया है।
Q. 3. सरकार द्वारा किए गए प्रावधान के अनुसार कुल कितने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के खनन पट्टे और समग्र लाइसेंस की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी?
Answer - 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज
Q. 4. हाल ही में किए गए संविधान संशोधन के अनुसार सरकार ने कुल कितने खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटा लिये हैं?
Answer - सरकार ने छह खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटा लिये हैं।