बांग्लादेश वायु सेना (बीएएफ) के स्थापना दिवस समारोह के भाग के रूप में 31 अक्टूबर, 2023 को बीएएफ सैन्यकर्मियों नें नागालैंड के दीमापुर का दौरा किया।
बांग्लादेश सैन्य बलों के कर्मियों के बीच मुक्ति युद्ध की भावना को जीवित रखने के लिए ग्रुप कैप्टन तनवीर मार्ज़न के नेतृत्व में बांग्लादेश वायु सेना के 20 अधिकारियों और कर्मियों ने, बांग्लादेश वायु सेना (बीएएफ) के स्थापना दिवस समारोह के भाग के रूप में दीमापुर का दौरा किया।
बांग्लादेश वायु सेना (बीएएफ) की पृष्ठभूमि:
- बांग्लादेश वायु सेना (बीएएफ) 28 सितंबर 1971 को नागालैंड के दीमापुर में एक चेतक, एक सशस्त्र ओटर और एक डकोटा, 09 अधिकारियों और 57 कर्मियों के साथ स्थापित की गई थी।
बांग्लादेश की पहली वायु सेना इकाई
- 28 सितंबर 1971 को भारतीय वायु सेना ने उसके तीन पायलटों, स्क्वाड्रन लीडर सुल्तान अहमद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट बदरुल आलम, जो पाकिस्तान वायु सेना से अलग हो गए थे और एक नागरिक पायलट, कैप्टन शहाबुद्दीन अहमद को दीमापुर में ‘किलो फ्लाइट’ में प्रशिक्षण देना आरंभ किया था।
- आगे चलकर यह बांग्लादेश की पहली वायु सेना इकाई बनी।
भारत ने बांग्लादेश को ‘किलो फ़्लाइट’ विमान दिया था:
- 16 दिसंबर 1971 के बाद, बांग्लादेश के जन्म के साथ ही भारत ने गोलियों से छलनी, लेकिन उड़ान भरने में सक्षम ‘किलो फ़्लाइट’ विमान ढाका में बांग्लादेश को सौंप दिए थे।
- ‘किलो फ्लाइट’ से ऐतिहासिक संबंध रखने वाली डोर्नियर और एमआई 17-वी5 स्क्वाड्रन के अधिकारियों और कर्मियों ने बीएएफ के कर्मियों के साथ बातचीत की।
बीएएफ के कर्मियों के दीमापुर दौरा का महत्व:
- बांग्लादेश वायु सेना ने हमेशा उन महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा करने में गहरी रुचि दिखाई है जो 1971 के मुक्ति युद्ध के दौरान काफी प्रासंगिक रहें थे।
- यह यात्रा दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच गहरे संबंधों और सद्भाव को दर्शाती है और बांग्लादेश की मुक्ति में भारतीय वायुसेना की भूमिका को मान्यता प्रदान करती है।
बांग्लादेश: दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारत के लिए एक प्रमुख साझेदार
- बांग्लादेश को एक पृथक और स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देने वाला भारत पहला देश था तथा दिसंबर 1971 में इसकी स्वतंत्रता के तत्काल बाद देश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किये थे।
- बांग्लादेश के साथ भारत के सभ्यतागत, सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संबंध रहे हैं।
- भारत के पूर्वी पड़ोसी देश के रूप में बांग्लादेश की भौगोलिक स्थिति के कारण भारत के लिए इसका काफी रणनीतिक महत्त्व है।
- राजधानी: ढाका
- मुद्रा: टका
- राष्टपति: मोहम्मद शहाबुद्दीन
- प्रथम राष्टपति: शेख मुजीबुर्रहमान
- प्रधानमंत्री: शेख हसीना
- प्रथम प्रधानमंत्री : ताजुद्दीन अहमद
- बांग्लादेश की संसद को राष्ट्रीय संसद या जातीय संसद कहा जाता है;