केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री, अमित शाह ने 4 अगस्त 2023 को नई दिल्ली में केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) -सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं को धन हस्तांतरण की शुरुआत की।
पोर्टल पर पंजीकृत प्रत्येक 112 लाभार्थियों को उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में 10,000 रुपये हस्तांतरित किए गए। अमित शाह के मुताबिक सहारा समूह द्वारा संचालित सहकारी समितियों की विभिन्न योजनाओं में 10,000 रुपये या उससे अधिक जमा करने वाले एक करोड़ निवेशकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
सहारा घोटाला भारत के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक है। रियल एस्टेट और हाउसिंग से जुड़ी सहारा समूह की कंपनियों ने वैकल्पिक रूप से परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करके निवेशकों से लगभग 24,000 करोड़ रुपये जुटाए थे ।
यह धनराशि पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की अनुमति के बिना जुटाई गई थी। सेबी ने सहारा कंपनियों से कहा कि वे निवेशकों का फंड लौटा दें और निवेशकों से फंड लेना बंद कर दें क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन है। सहारा समूह ने सेबी के आदेश को चुनौती दी और मामला अंततः सुप्रीम कोर्ट में चला गया।
सहारा समूह सुप्रीम कोर्ट में केस हार गया और सुप्रीम कोर्ट ने उसे निवेशक का पैसा लौटाने का आदेश दिया। इसके बाद सहारा समूह के खिलाफ व्यापक जांच शुरू हो गए जिसके परिणस्वरूप सहारा समूह को नियमों के उल्लंघन, मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी पाया गया। सरकार ने उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसके फंड जब्त कर लिया और लाइसेंस रद्द कर दिया।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
सीआरसीएस: सेंट्रल रैजिस्ट्रार ऑफ कोआपरेटिव सोसाइअटी