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अमित शाह ने सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से धन हस्तांतरण की शुरुआत की

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Amit Shah launches transfer of funds through  CRCS-Sahara Refund Portal Economy 4 min read

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री, अमित शाह ने 4 अगस्त 2023 को नई दिल्ली में केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) -सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं को धन हस्तांतरण की शुरुआत की।

पोर्टल पर पंजीकृत प्रत्येक 112 लाभार्थियों को उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में 10,000 रुपये हस्तांतरित किए गए। अमित शाह के मुताबिक सहारा समूह द्वारा संचालित सहकारी समितियों की विभिन्न योजनाओं में 10,000 रुपये या उससे अधिक जमा करने वाले एक करोड़ निवेशकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार -सहारा रिफंड पोर्टल:

  • सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस)-सहारा रिफंड पोर्टल को 18 जुलाई, 2023 को अमित शाह द्वारा शुरू किया गया था।
  • इस पोर्टल को सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों - सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के प्रामाणिक जमाकर्ताओं द्वारा दावे प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है।
  • सीआरसीएस की स्थापना सुप्रीम कोर्ट के 29 मार्च 2023 के निर्देश पर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में  सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के वैध बकाया के भुगतान के लिए "सहारा-सेबी रिफंड खाते" से 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित किए जाएं।
  • संवितरण की पूरी प्रक्रिया की देखरेख और निगरानी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.सुभाष रेड्डी द्वारा की जा रही है।

मुद्दे की पृष्ठभूमि:

सहारा घोटाला भारत के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक है। रियल एस्टेट और हाउसिंग से जुड़ी सहारा समूह की कंपनियों ने वैकल्पिक रूप से परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करके निवेशकों से लगभग 24,000 करोड़ रुपये जुटाए थे ।

यह धनराशि पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की अनुमति के बिना जुटाई गई थी। सेबी ने सहारा कंपनियों से कहा कि वे निवेशकों का फंड लौटा दें और निवेशकों से फंड लेना बंद कर दें क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन है। सहारा समूह ने सेबी के आदेश को चुनौती दी और मामला अंततः सुप्रीम कोर्ट में चला गया।

सहारा समूह सुप्रीम कोर्ट में केस हार गया और सुप्रीम कोर्ट ने उसे निवेशक का पैसा लौटाने का आदेश दिया। इसके बाद सहारा समूह के खिलाफ व्यापक जांच शुरू हो गए जिसके परिणस्वरूप सहारा समूह  को  नियमों के उल्लंघन, मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी पाया गया। सरकार ने उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसके फंड जब्त कर लिया और लाइसेंस रद्द कर दिया।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण  फुल फॉर्म

सीआरसीएस: सेंट्रल रैजिस्ट्रार ऑफ कोआपरेटिव सोसाइअटी

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