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ए एस राजीव ने सीवीसी में सतर्कता आयुक्त के रूप में शपथ ली

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
A S Rajeev sworn in as Vigilance Commissioner in CVC Person in News 4 min read

बैंकर ए एस राजीव ने 11 मार्च 2024 को नई दिल्ली में केंद्रीय सतर्कता आयोग के सदस्य के रूप में शपथ ली। उन्हें केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने केंद्रीय सतर्कता आयोग में सतर्कता आयुक्त पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर दूसरे सतर्कता आयुक्त अरविंद कुमार भी मौजूद थे।

इससे पहले ए एस राजीव को 9 फरवरी 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सतर्कता आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था।

ए एस राजीव के बारे में

ए एस राजीव एक कैरियर बैंकर हैं और उनके पास चार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सिंडिकेट बैंक, इंडियन बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 38 वर्षों से अधिक का अनुभव है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, बैंक एक छोटे आकार के बैंक से एक स्वस्थ बैलेंस शीट के साथ एक मध्यम आकार के बैंक में बदल गया।

इंडियन बैंक में कार्यकारी निदेशक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान इंडियन बैंक एक मजबूत और लाभदायक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप में उभरा।

उन्होंने एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया (ईएक्सआईएम बैंक), न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई I) में नामांकित निदेशक के रूप में भी काम किया है। वह भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के उपाध्यक्ष और भारतीय लेखा मानकों के कार्यान्वयन के लिए आरबीआई द्वारा गठित कोर ग्रुप के सदस्य भी थे।

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) 

  • भ्रष्टाचार निवारण पर के. संथानम समिति की सिफारिश को स्वीकार करते हुए भारत सरकार ने फरवरी 1964 में केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना की।
  •  के. संथानम समिति की स्थापना 1962 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसे सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलुओं की जांच करने और इसे रोकने के उपायों की सिफारिश करने के लिए कहा गया था।
  • के संथानम समिति ने एक निकाय की सिफारिश की जो सतर्कता के क्षेत्र में केंद्र सरकार की एजेंसियों को सलाह और मार्गदर्शन देगी।
  • 1998 में, राष्ट्रपति ने एक अध्यादेश जारी कर केंद्रीय सतर्कता आयोग को एक वैधानिक निकाय बना दिया। बाद में, संसद ने अध्यादेश के स्थान पर केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम 2003 पारित किया।
  • सरकारी कर्मचारियों द्वारा भ्रस्टाचार या कार्यालय के दुरूपयोग के किसी भी आरोप पर लिखित शिकायत प्राप्त करने के लिए भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग को नामित एजेंसी बनाया गया है ।इसके पास ऐसे मामलों में उचित कार्रवाई की सिफारिश करने की भी शक्ति है । 

सदस्य और उनका कार्यकाल

इसमें एक अध्यक्ष और दो सतर्कता आयुक्त होते हैं। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और सतर्कता आयुक्त का कार्यकाल चार वर्ष या पदधारी के 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, होता है।

 

FAQ

उत्तर: केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना सरकार द्वारा फरवरी, 1964 में श्री के. संथानम की अध्यक्षता वाली भ्रष्टाचार निवारण समिति की सिफारिशों पर की गई थी।

उत्तर: ए.एस.राजीव।

उत्तर: मुख्य सतर्कता आयुक्त और सतर्कता आयुक्त का कार्यकाल चार वर्ष या पदधारी के 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक होता है।

उत्तर: तीन, एक मुख्य सतर्कता आयुक्त और दो अन्य सदस्य।

उत्तर : प्रवीण श्रीवास्तव
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