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26 / 11 के हीरो सदानंद बने एनआईए के नए डीजी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
26/11 hero Sadanand becomes new DG of NIA Person in News 5 min read

केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख सदानंद वी. दाते को एनआईए महानिदेशक (डीजी) नियुक्त किया है। महाराष्ट्र कैडर के 1990 बैच के आइपीएस अधिकारी रहे सदानंद दाते को 26/11 के हमले के दौरान आतंकियों से लोहा मुकाबला करने के लिए राष्ट्रपति ने पुलिस पदक से सम्मानित किया था। 

एनआईए के डीजी के तौर पर सदानंद दाते का कार्यकाल:  

  • कार्मिक मंत्रालय के आदेश के अनुसार कैबिनेट की चयन समिति ने सदानंद दाते का  एनआईए के डीजी के तौर पर कार्यकाल 26 मार्च से आरंभ किया। जबकि उनकी सेवानिवृत्ति का समय 31 दिसंबर, 2026 निश्चित किया गया है।

सदानंद दिनकर गुप्ता को करेंगे प्रतिस्थापित: 

  • सदानंद दाते 31 मार्च को रिटायर हो रहे दिनकर गुप्ता की जगह लेंगे। एनआईए से पहले सदानंद दाते ने सीबीआई में डीआईजी के पद पर कार्य किया है। सदानंद ने सीआरपीएफ में आईजी (आप्स) के रूप में भी काम किया। 
  • सदानंद ने मुंबई के पास मीरा-भयंदर और वसई-विरार शहर के पुलिस आयुक्त का पद भी संभाला।

सदानंद 26/11 के दौरान जवाबी कार्रवाई में हुए थे घायल: 

  • सदानंद दाते उन बहादुर अफसरों में से एक हैं जिन्होंने मुंबई में 26 नवंबर, 2008 की रात को दस आतंकियों के हमले में जवाबी कार्रवाई के दौरान घायल हुए थे। विषम परिस्थितियों में उनकी बहादुरी और सूझबूझ से कई नागरिकों को बचाया गया। जिन्हें अबू इस्माइल और अजमल कसाब ने बंधक बना लिया था। इस वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को बाद में वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।

सदानंद का बचपन काफी गरीबी में बीता:  

  • आइपीएस सदानंद दाते ने पुणे में अपना बचपन गरीबी में गुजारा था। पिता के निधन के समय वह महज 15 साल के थे। लेकिन अपनी शिक्षा का खर्च वहन करने के लिए वर्ष 1977 से करीब दस साल तक उन्होंने तड़के घर-घर जाकर अखबार बांटे। 
  • घर खर्च के लिए उनकी मां ने घरों में बर्तन मांजने का काम किया। दाते एम कॉम की पढ़ाई पूरी कर एकाउंटेंट बन गए। उसके बाद सावित्री बाई फूले से पुणे विश्वविद्यालय से कामर्स में पीएचडी की। उसके बाद पब्लिक सर्विस में जाने के लिए यूपीएससी की परीक्षाएं दीं और 1990 में आइपीएस अफसर बन गए। 
  • अपने सेवाकाल में उन्होंने मिनिसोटा यूनिवर्सिटी से संगठित अपराध की रोकथाम पर स्कॉलरशिप हासिल की।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के बारे में:  

  • एनआईए का वास्तविक नाम राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण है, जिसे सामान्यतः राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) के नाम से जाना जाता है। एनआईए का गठन राष्ट्रीय जाँच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत किया गया था। 
  • एनआईए निम्नलिखित मामलों में अपराधों की जाँच और अभियोग चलाने की केंद्रीय एजेंसी है:
    • भारत की संप्रभुता, सुरक्षा एवं अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध को प्रभावित करने वाले अपराध।
    • परमाणु और परमाणु प्रतिष्ठानों के विरुद्ध अपराध।
    • उच्च गुणवत्तायुक्त नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी।
    • यह अंतर्राष्ट्रीय संधियों, समझौतों, अभिसमयों और संयुक्त राष्ट्र, इसकी एजेंसियों ​​तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रस्तावों का कार्यान्वयन करती है।

एनआईए के गठन का उद्देश्य: 

  • एनआईए के गठन का उद्देश्य भारत में आतंकवाद का मुकाबला करना भी है।
  • एनआईए केंद्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
  • एनआईए का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। एनआईए की शाखाएँ हैदराबाद, गुवाहाटी, कोच्चि, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता, रायपुर और जम्मू में हैं।

एनआईए का लक्ष्य: 

  • जाँच के नवीनतम वैज्ञानिक साधनों का उपयोग करते हुए सूचीबद्ध अपराधों की गहनता से जांच करना। 
  • भारत के संविधान और देश के कानूनों का प्रवर्तन करना।
  • प्रभावी और शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित करना।
  • मानवाधिकारों की रक्षा और व्यक्ति की गरिमा को प्राथमिकता के साथ महत्त्व देना।

FAQ

उत्तर : सदानंद वी. दाते

उत्तर : दिनकर गुप्ता

उत्तर : एनआईए का गठन राष्ट्रीय जाँच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत किया गया।
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