नए रणनीतिक और भौगोलिक क्षेत्रों में भविष्य का रोडमैप बनाने के लिए इरेडा ने 2024 को 'मानव संसाधन विकास और अनुशासन वर्ष' का नाम दिया। नव वर्ष 2024 के अवसर पर, भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) के मुख्य प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने इसकी घोषणा की है।
- सीएमडी ने इरेडा के कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी और इरेडा की उल्लेखनीय उपलब्धियों में उनके योगदान के लिए उन्हें बधाई दी।
हमारे देश में इरेडा और इरडा नाम से दो भिन्न-भिन्न निकाय हैं। इन निकायों के मध्य किसी प्रकार का सन्देह से बचाने के लिए इनका संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया है।
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा):
- स्थापना: 1987
- इरेडा के मुख्य प्रबंध निदेशक: प्रदीप कुमार दास।
- इरेडा का मुख्यालय: नई दिल्ली
- इरेडा को ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था’ के रूप में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर गठित किया गया था।
- इरेडा भारत सरकार के ‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय’ के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्यरत एक मिनीरत्न (श्रेणी 1) कंपनी है।
- इरेडा का कार्य नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना तथा इनके विकास हेतु इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- इरेडा को ‘कंपनी अधिनियम, 1956’ की धारा 4’ए’ के तहत ‘सार्वजनिक वित्तीय संस्थान’ के रूप में अधिसूचित किया गया है।
- इरेडा को ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ के नियमों के अंतर्गत ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी’ के रूप में पंजीकृत किया गया है।
- इरेडा का उद्देश्य नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं को बढ़ावा देना, इनका विकास करना और इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- कुछ समय पहले इरेडा द्वारा तैयार किये जा रहे सोलर पार्कों के आंतरिक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए विश्व बैंक द्वारा 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण प्रदान किया गया है। इसे इरेडा के माध्यम से सोलर पावर पार्क डेवलपर्स को प्रदान कराया जाएगा।
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा):
- स्थापना: 1999
- इरडा का मुख्य प्रबंध निदेशक: देबाशीष पांडा
- इरडा का मुख्यालय: हैदराबाद
- बीमा ग्राहकों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से स्थापित इरडा एक नियामक निकाय है।
- यह इरडा अधिनियम, 1999 के तहत एक वैधानिक निकाय है।
- इरडा वित्त मंत्रालय के अधीन कार्यरत है।
- इरडा बीमा से संबंधित गतिविधियों की निगरानी करते हुए बीमा उद्योग के विकास को नियंत्रित एवं विनियमित करता है।
- इरडा की शक्तियाँ एवं कार्य, इरडा अधिनियम, 1999 तथा बीमा अधिनियम, 1938 द्वारा विनियमित और प्रबंधित किये जाते हैं।
- यह एक 10 सदस्यीय प्राधिकरण है। इरडा में 1 अध्यक्ष, 5 पूर्णकालिक सदस्य तथा 4 अंशकालिक सदस्य होते हैं। सभी को भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।