विदर्भ क्रिकेट टीम ने नागपुर के विदर्भ क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए फाइनल में केरल के खिलाफ पहली पारी की बढ़त के आधार पर अपना तीसरा रणजी ट्रॉफी खिताब जीता।
अक्षय वाडकर की कप्तानी वाली विदर्भ टीम ने पिछले साल फाइनल में मुंबई से मिली हार की निराशा को भी पीछे छोड़ दिया।
इस साल के सेमीफाइनल में विदर्भ ने अपना पिछले साल के हार का बदला लेते हुए पिछले साल की चैंपियन मुंबई को हराया। , दूसरे सेमीफिनल में केरल ने गुजरात को पहली पारी के बढ़त के आधार पर हरा कर फ़ाइनल में प्रवेश किया।
यह रणजी ट्रॉफी प्रतियोगिता में केरल की टीम का पहला फाइनल था। रणजी ट्रॉफी का फाइनल 26 फरवरी से 2 मार्च 2025 तक नागपुर के विदर्भ क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किया गया था।
फाइनल मैच में केरल के कप्तान सचिन बेबी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया।
पहली पारी में विदर्भ की पूरी टीम 379 रन पर ऑलआउट हो गई। विदर्भ के लिए दानिश मालेवार 153 रन के साथ शीर्ष स्कोरर रहे और करुण नायर ने 86 रन बना कर उनका अच्छा साथ दिया।
जवाब में, केरल की पूरी टीम 342 रनों पर ऑल आउट हो गई, और विदर्भ को 37 महत्वपूर्ण बढ़त मिली। केरल के कप्तान सचिन बेबी 98 रन के साथ अपनी टीम के शीर्ष स्कोरर रहे।
मैच के पांचवे और आखिरी दिन जब दूसरी पारी में विदर्भ का स्कोर नौ विकेट पर 375 रन था, मैच को ड्रा घोषित कर दिया गया।
पहली पारी में 37 रनों की बढ़त के आधार पर विदर्भ को विजेता घोषित किया गया।
फ़ाइनल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी: दानिश मालेवार (विदर्भ)
प्रतियोगिता का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी: विदर्भ के हर्ष दुबे को 2024-25 रणजी सत्र के दौरान 476 रन और 69 विकेट के लिए चुना गया।
रणजी ट्रॉफी भारत में पुरुषों के लिए प्रमुख घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता है। रणजी ट्रॉफी की शुरुआत भारत में क्रिकेट की शासी निकाय, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा के.एस. रणजीत सिंहजी के सम्मान में की गई थी।
जामनगर के नवाब के.एस. रणजीत सिंहजी ने कभी भारत के लिए नहीं खेला और टेस्ट मैचों में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया।
रणजी ट्रॉफी की शुरुआत 1934-35 में हुई थी, जिसमें मुंबई (जिसे पहले बॉम्बे के नाम से जाना जाता था) विजेता रही थी।
2024-25 सत्र में 32 टीमों ने भाग लिया और उन्हें चार समूहों में विभाजित किया गया। हर ग्रुप से शीर्ष टीम ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाय किया।
मुंबई (या बॉम्बे) रणजी ट्रॉफी के इतिहास की सबसे सफल टीम है। इसने इसे 42 बार जीता है।
कर्नाटक, 8 बार खिताब जीतकर दूसरी सबसे सफल टीम है, उसके बाद दिल्ली (7 बार) और बड़ौदा 6 बार है।
2024-24 में मुंबई रणजी विजेता टीम थी।
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