2007 से हर साल भारत प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की याद में 29 जून को सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाता है। उनका जन्म इसी दिन 1893 में कोलकाता (तब कलकत्ता), पश्चिम बंगाल में हुआ था। यह दिन सांख्यिकी के क्षेत्र में प्रोफेसर महालनोबिस के योगदान का सम्मान करने और सामाजिक-आर्थिक योजना और नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।
हालाँकि यह याद रखना होगा कि विश्व सांख्यिकी दिवस पूरे विश्व में 20 अक्टूबर को मनाया जाता है।
भारत सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान भारत में सांख्यिकी के विषय का भारत में नीव रखने और इसका प्रसार करने में तथा देश की आर्थिक योजना में उनके समग्र योगदान को स्वीकार करने के लिए प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्मदिन, सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
पहला सांख्यिकी दिवस 29 जून 2007 को मनाया गया था।
हर साल सांख्यिकी दिवस एक ऐसे विषय के साथ मनाया जाता है जिसकी समकालीन प्रासंगिकता हो।
18वें सांख्यिकी दिवस 2024 का विषय "निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग" है।
प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को कोलकाता में हुआ था। वह प्रेसीडेंसी कॉलेज कोलकाता के छात्र थे और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, लंदन में भौतिकी और गणित का अध्ययन किया था।
कैम्ब्रिज में अध्ययन के दौरान उनकी सांख्यिकी में रुचि विकसित हुई।