
- utkarsh
- Oct 01, 2019
- 9
- Blog Hindi, Current Affairs,
आई एन एस खंडेरी का मुंबई में जलावतरण
क्या है खबर?
- हाल ही में भारत की दूसरी स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन आईएनएस खंडेरी नौसेना में शामिल हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की मौजूदगी में मुंबई डॉकयार्ड पर ड्रायडॉक का भी उद्घाटन किया गया।
- 40 से 45 दिन तक पानी में रहने और एक बार में 12 हजार किमी की दूरी तय करने की क्षमता वाली यह पनडुब्बी 350 मीटर की गहराई तक उतर सकती है। इसके अलावा खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और सर्विलांस के लिए बेहद तेज संचार उपकरण भी लगाए गए हैं, जिससे दुश्मनों की साजिशों का तुरंत पता लगाया जा सकेगा।
- इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यह किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आएंगी। इसके अलावा इससे जमीन पर भी आसानी से हमला किया जा सकता है। इस पनडुब्बी का इस्तेमाल हर तरह के वॉरफेयर, ऐंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस के काम में भी किया जा सकता है।
- खंडेरी पनडुब्बी का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में 7 अप्रैल 2009 को शुरू हुआ था। 12 जनवरी 2017 को इसे लॉन्च किया गया और इसका नामकरण हुआ। 1 जून 2017 से इसका समुद्री परीक्षण शुरू हुआ। सितंबर 2019 तक कड़े समुद्री परीक्षण और सभी प्रकार के हथियारों की टेस्टिंग होने के बाद 19 सितंबर को खंडेरी को नौसेना को सौंपा गया।
- आईएनएस खंडेरी पी-75 परियोजना के अंतर्गत नौसेना में शामिल होने वाली दूसरी युद्धक पनडुब्बी है। इससे पहले 2017 में एक और पनडुब्बी आईएनएस कलवरी नौसेना में शामिल हो चुकी है।
प्रोजेक्ट 75
- 1997 में भारत ने रक्षा मंत्रालय ने 24 सबमरीन के अधिग्रहण करने का एक प्लान मंजूर किया था जिसको प्रोजेक्ट 75 का नाम दिया गया था। लेकिन सरकार ने दो वर्षों तक इसको ठंडे बस्ते में डाले रखा था।
- 1999 में कारगिल युद्ध के बाद सरकार की तरफ से केबिनेट कमेटी और सिक्योरिटी ने इसको मंजूरी दी थी। इसके तहत 30 वर्षों के अंदर दो पैरलल प्रोडेक्शन लाइन शुरू कर 12 सबमरीन का निर्माण 2012 तक करना था जबकि 30 वर्ष में कुल 24 सबमरीन विकसित करना था।
- इसके लिए प्रोजेक्ट 75 के तहत सबमरीन का निर्माण और प्रोजेक्ट 75I के तहत दूसरे विदेशी निर्माताओं से इसकी तकनीक का ट्रांसफर शामिल था। आईएनएस कलावरी प्रोजेक्ट 75I का ही हिस्सा थी।
- स्कॉर्पिन पनडुब्बियों का प्रॉजेक्ट 75I मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड (MDL) और फ्रांस की कंपनी नवल ग्रुप (पूर्व में DCNS) के सहयोग से चल रहा है। इस प्रॉजेक्ट के तहत पहली पनडुब्बी 2012 में लॉन्च होनी थी, लेकिन प्रॉजेक्ट लेट हो गया। लंबे इंतजार के बाद नेवी को स्कॉर्पिन सीरीज की पहली सबमरीन आईएनएस कलवरी पिछले साल दिसंबर में मिली थी। अब 28 सितंबर को INS खंडेरी नेवी में शामिल हो गई इसके बाद INS करंज के भी जल्द ही नेवी में शामिल होने की उम्मीद है।
आप जियो हजारों साल
Good
Very very great
Ur great sir thank you utkarsh team
Good
So Great Sir Thank You Sooooooooo Much ???
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ise jayad se jayad share kro …….taki sabhi student ko benifit mil sake
Good news