रूस अपने रूसी समुद्री प्रशिक्षण संस्थान, व्लादिवोस्तोक में भारतीय नाविकों को जमे हुए ध्रुवीय और आर्कटिक जल में नौपरिवहन के लिए प्रशिक्षित करने के लिए सहमत हो गया है।
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और रूसी सुदूर पूर्व और आर्कटिक विकास मंत्री एलेक्सी चेकुनकोव के बीच बैठक के दौरान इस पर सहमति बनी।
सर्बानंद सोनोवाल 10-13 सितंबर 2023 तक रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में रूसी सरकार द्वारा आयोजित 8वीं पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए रूस में थे।
प्रस्तावित भारत रूस समुद्री मार्ग
बैठक के दौरान दोनों देश समुद्री सहयोग बढ़ाने और पूर्वी समुद्री गलियारे और उत्तरी समुद्री मार्ग की व्यवहार्यता का पता लगाने पर सहमत हुए।
पूर्वी समुद्री गलियारा
पूर्वी समुद्री गलियारा चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बंदरगाहों के बीच एक प्रस्तावित समुद्री मार्ग है। व्लादिवोस्तोक जिसका अर्थ है 'पूर्व का शासक' रूस के प्रशांत तट पर सबसे बड़ा बंदरगाह है और रूसी नौसेना के प्रशांत बेड़े का मुख्य अड्डा है। व्लादिवोस्तोक शहर रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र में स्थित है। रूसी सुदूर पूर्व क्षेत्र तेल, लकड़ी और धातु जैसे संसाधनों में बहुत समृद्ध है।
भारत ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। इस क्षेत्र में स्थित सखालिन तेल क्षेत्र में ओएनजीसी विदेश लिमिटेड की 20% हिस्सेदारी है।
पूर्वी समुद्री गलियारा की लंबाई करीब 5,600 समुद्री मील है।
पूर्वी समुद्री गलियारा से भारत को लाभ
- इस गलियारी के शुरू होने से भारत से रूस के बीच समुद्री रास्ते से माल को ले जाने में लगने वाली दूरी और समय आधा हो जाएगा।
- यह मार्ग भारत को स्वेज़ मार्ग का एक विकल्प प्रदान करेगा जिस पर वह वर्तमान में यूरोप के साथ व्यापार के लिए निर्भर है।
- यह गलियारा दक्षिण चीन सागर व्यापार मार्ग में भारत की उपस्थिति बढ़ाएगा, जिस पर वर्तमान में चीन का प्रभुत्व है।
उत्तरी समुद्री मार्ग
उत्तरी समुद्री मार्ग पूर्वी एशिया और यूरोप के बीच सबसे छोटा शिपिंग मार्ग है जो रूस के उत्तरी तट के साथ जाता है। यह आर्कटिक महासागर के बैरेंट्स, कारा, लापतेव और पूर्वी साइबेरियाई सागर से होकर गुजरती है।
- स्वेज नहर मार्ग द्वारा तय की गई 21,000 किमी की तुलना में यह मार्ग 13,000 किमी की दूरी तय करता है।
- यह मार्ग उत्तरी ध्रुव के निकट आर्कटिक महासागर से होकर गुजरता है। आर्कटिक वृत्त के पास होने के कारण यहाँ नौपरिवहन बहुत मुश्किल है। यहाँ के समुद्री मार्ग , लगभग साल भर हमेशा बर्फ से ढके रहते हैं । हालाँकि ग्लोबल वार्मिंग के कारण इस क्षेत्र में बर्फ टूट रही है जिसके कारण यह क्षेत्र नौपरिवहन के लिए धीरे -धीरे अनुकाल हो रहे हैं ।
- रूस का मरमंस्क बंदरगाह इस क्षेत्र का मुख्य बंदरगाह है और उत्तरी समुद्री मार्ग का प्रारंभिक बिंदु है।
- मरमंस्क बंदरगाह, आर्कटिक वृत्त के पास होने के बावजूद बर्फ मुक्त क्षेत्र है। उत्तरी अटलांटिक महासागर की गर्म धारा इस क्षेत्र में बर्फ जमने नहीं देती है।
- यह रूस का एकमात्र बंदरगाह है जिसके कारण रूस को अटलांटिक महासागर तक अप्रतिबंधित पहुंच मिलती है ।
- द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, मरमंस्क बंदरगाह के माध्यम से कार्गो यातायात में भारतीय भागीदारी की बढ़ती प्रवृत्ति देखी जा रही है। 2023 के पहले सात महीनों में मरमंस्क बंदरगाह द्वारा कुल माल ढुलाई में भारत की हिस्सेदारी 35% थी।
- उत्तरी समुद्री मार्ग के शुरू होने से यह मार्ग भारत के लिए कोकिंग कोयला, तेल, तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी), और उर्वरक जैसी वस्तुओं के परिवहन का अवसर खोलेगा।