भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 10 अगस्त 2023 को यूपीआई (एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस) लाइट और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) पर किए गए लेनदेन के लिए लेनदेन सीमा 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने की घोषणा की। 2000 रुपये की अधिकतम स्टोरेज सीमा पर कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आरबीआई गवर्नर ने यह भी घोषणा की आरबीआई यूपीआई पर एक आर्टिफ़िकल इंटेलिजेंस संचालित "कन्वर्सेशनल पेमेंट्स" शुरू करेगी । यह उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित वातावरण में लेनदेन शुरू और पूरा करने में सक्षम बनाएगा।
यूपीआई लाइट के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूपीआई भुगतान पर लेनदेन विफलता को कम करने के लिए "नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) तकनीक का उपयोग करके ऑफ़लाइन लेनदेन शुरू किया जाएगा। यह सुविधा न केवल उन स्थितियों में खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम करेगी जहां इंटरनेट/दूरसंचार कनेक्टिविटी कमजोर है या उपलब्ध नहीं है, बल्कि यह लेनदेन में कनेक्टिविटी के कारण होने वाली विफलता को भी कम करेगी ।
यूपीआई लाइट
यूपीआई लाइट को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा यूपीआई प्लेटफॉर्म पर डिजाइन किया गया है। इसे ऑफलाइन मोड में तेज और कम मूल्य के लेनदेन की सुविधा प्रदान करने के लिए सितंबर 2022 में आरबीआई द्वारा शुरू किया था।
यूपीआई लेनदेन के लिए जिस मोबाइल फोन का उपयोग लेनदेन के लिए किया जाता है, उसका नेट कनेक्ट होना जरूरी है। जहां नेट कनेक्शन नहीं है, वहां छोटे मूल्य के लेनदेन को सक्षम करने के लिए यूपीआई लाइट को शुरू किया गया है।
जो बैंक ग्राहक यूपीआई ऐप का उपयोग कर रहे हैं, उनके लिए बैंक उनके मोबाइल फोन पर रीफिल करने योग्य 'ऑन-डिवाइस स्टोर्ड वैल्यू' की सुविधा प्रदान करता है। ग्राहक यूपीआई ऐप का उपयोग करके अपने बैंक खाते से ‘ऑन-डिवाइस स्टोर्ड वैल्यू' में 2000 रुपये तक ट्रांसफर कर सकते हैं।
ग्राहक यूपीआई लाइट का उपयोग करके 500 रुपये तक ऑफ़लाइन लेनदेन कर सकते हैं। लेनदेन को पूरा करने के लिए यूपीआई पिन या पासकोड का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है ।
नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी)
नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) को मार्च 2019 में 'वन नेशन वन कार्ड' की टैगलाइन के साथ भारत में शुरू किया गया था। यह एक कॉम्बो कार्ड है जो प्रीपेड कार्ड, मुख्य रूप से वॉलेट के साथ डेबिट / क्रेडिट का संयोजन प्रदान करता है।
यूपीआई तत्काल धन हस्तांतरण, क्यूआर कोड (स्कैन और भुगतान) आधारित भुगतान, व्यापार भुगतान, बिल भुगतान आदि की सुविधा देता है।
यह गैर-वित्तीय लेनदेन की सुविधा जैसे कि मोबाइल बैंकिंग पंजीकरण, बैलेंस पूछताछ आदि, भी प्रदान करता है।
यूपीआई पर लेनदेन की सीमा
सामान्य यूपीआई लेनदेन के लिए प्रति दिन एक लाख रुपये की अधिकतम मूल्य सीमा के साथ अधिकतम 20 लेनदेन किए जा सकते हैं।
यूपीआई में लेनदेन की कुछ विशिष्ट श्रेणियों जैसे पूंजी बाजार (स्टॉक एक्सचेंज आदि पर शेयरों की खरीद आदि के लिए), संग्रह (बिल भुगतान आदि), बीमा, विदेशी आवक प्रेषण के लिए लेनदेन की सीमा प्रति दिन 2 लाख तक है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई)
एनपीसीआई, भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन हेतु एक अम्ब्रेला संगठन है, जिसे ‘आरबीआई’ और ‘भारतीय बैंक संघ’ (आईबीए) द्वारा ‘भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007’ के तहत शुरू किया गया है।
यह कंपनी अधिनियम 1956(2013 में संशोधित ) के प्रावधानों के तहत स्थापित एक ‘गैर-लाभकारी’ कंपनी है, जिसका उद्देश्य भारत में संपूर्ण बैंकिंग प्रणाली को भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान हेतु बुनियादी ढाँचा प्रदान करना है।
इसकी स्थापना 2008 में की गई थी.
इसका स्वामित्व वाणिज्यिक बैंकों के एक संघ के पास है।
एनपीसीआई मुख्यालय: मुंबई
मुख्य कार्यकारी अधिकारी: दिलीप अस्बे
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
एनपीसीआई/NPCI : नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (National Payments Corporation of India).
यूपीआई/UPI: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस(Unified Payment Interface)
एनसीएमसी /NCMC: नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड