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संसद ने चलचित्र (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Parliament passes the Cinematograph (Amendment) Bill, 2023 Bill and Act 3 min read

संसद ने 31 जुलाई 2023 को चलचित्र (संशोधन) विधेयक, 2023 को पारित किया है। 40 वर्षों के बाद चलचित्र अधिनियम में संशोधन करने वाला यह ऐतिहासिक विधेयक संसद द्वारा पारित किया गया। 

चलचित्र अधिनियम, 1952 में अंतिम महत्वपूर्ण संशोधन वर्ष 1984 में किया गया था। 

इस ऐतिहासिक विधेयक का उद्देश्य ‘पायरेसी’ की समस्या पर व्यापक रूप से अंकुश लगाना है। क्योंकि पायरेसी के कारण फिल्म उद्योग को करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है।

  • भारतीय फिल्म उद्योग विश्व के सबसे बड़े और सर्वाधिक वैश्वीकृत उद्योगों में से एक है, यह हर वर्ष 40 से अधिक भाषाओं में 3,000 से अधिक फिल्मों का निर्माण करता है। 

विधेयक में दण्ड के प्रावधान

  • इस विधेयक के प्रावधानों में न्यूनतम 3 महीने की कैद और 3 लाख रुपये के जुर्माने की सख्त सजा शामिल है, जिसे बढ़ाकर 3 साल तक की कैद और ऑडिट की गई कुल लागत का जुर्माना किया जा सकता है।

भारतीय फिल्म इंडस्ट्री 100 बिलियन डॉलर की

  • केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर के अनुसार अगले तीन साल में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री 100 बिलियन डॉलर की हो जाएगी, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। 

फिल्म के लाइसेंस को नवीनीकृत करने की आवश्यकता नहीं 

  • सरकार ने प्रत्येक 10 वर्ष में फिल्म के लाइसेंस को नवीनीकृत करने की आवश्यकता को खत्म कर दिया है और इसे जीवन भर के लिए वैध बना दिया है। अब नवीनीकरण के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। 

चलचित्र संशोधन विधेयक के प्रावधान

  • इस विधेयक के द्वारा फिल्मों की अनधिकृत रिकॉर्डिंग और प्रदर्शन की समस्या का समाधान प्रदान करने तथा इंटरनेट पर चोरी करके फिल्म की अनधिकृत प्रतियों के प्रसारण से होने वाले पायरेसी के खतरे को समाप्त करने का प्रयास किया गया है।

  • इस विधेयक का दूसरा उद्देश्य यह है कि इसके माध्यम से केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फिल्मों के प्रमाणन की प्रक्रिया में बदलाव करने के साथ ही फिल्मों के प्रमाणन के वर्गीकरण में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है।

  • विधेयक प्रचलित शासकीय आदेशों, उच्चतम न्यायालयों के निर्णयों और अन्य प्रासंगिक कानूनों के साथ वर्तमान कानून को सुसंगत बनाने का प्रयास करता है।

  • आयु-आधारित प्रमाणीकरण: वर्तमान यूए श्रेणी को तीन आयु-आधारित श्रेणियों में उप-विभाजित करके प्रमाणन की आयु-आधारित श्रेणियों की शुरुआत की गई है।

  • इस पहल का उद्देश्य माता-पिता अथवा अभिभावकों को यह विचार करने के लिए प्रेरित करना है कि क्या उनके बच्चों को ऐसी इस तरह की फिल्में देखनी चाहिए।

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