भारत और विश्व के अन्य भागों में 6जी वायरलेस प्रौद्योगिकियों पर सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए भारत 6जी अलायंस और अलायंस फॉर टेलीकम्युनिकेशंस इंडस्ट्री सॉल्यूशंस (एटीआईएस) की एक पहल, नेक्स्ट जी अलायंस के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
- समझौता ज्ञापन पर भारत 6जी अलायंस के अध्यक्ष एनजी सुब्रमण्यम और एटीआईएस के नेक्स्ट जी अलायंस के अध्यक्ष और सीईओ सुसान मिलर ने हस्ताक्षर किए।
- एमओयू अनुसंधान और विकास प्राथमिकताओं को संरेखित करने की सुविधा प्रदान करेगा जो एक सामान्य 6जी दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं और सुरक्षित और विश्वसनीय दूरसंचार के साथ-साथ लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं बनाते हैं।
- इस अवसर पर बोलते हुए एन जी सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत के पास बड़े पैमाने पर समाज के सशक्तिकरण का दृष्टिकोण है और अगली पीढ़ी 6जी जीवन की गुणवत्ता को और बढ़ाएगी।
- गठबंधन का उद्देश्य दूरसंचार उत्पादों और समाधानों के अनुसंधान, डिजाइन, विकास, क्षेत्र परीक्षण, सुरक्षा, प्रमाणन और विनिर्माण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है।
6जी प्रौद्योगिकी:
- 5जी प्रौद्योगिकी की उत्तराधिकारी 6जी प्रौद्योगिकी को माना जा रहा है।
- 6जी के सन्दर्भ में ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि 5जी प्रौद्योगिकी की तुलना में 6जी प्रौद्योगिकी सौ गुना तेज़ गति, उच्च विश्वसनीयता और व्यापक कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
- क्वांटम इंटरनेट, होलोग्राफिक संचार, मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे नए अनुप्रयोगों तथा सेवाओं को सक्षम बनाने के लिए 6जी प्रौद्योगिकी की कल्पना की गई है।
- 6जी में होलोग्राफिक संचार वास्तविक समय में 3D होलोग्राफिक छवियों के प्रसारण और प्रदर्शन को संदर्भित करता है, जो गहनता के साथ-साथ जीवंत संचार अनुभवों को सक्षम बनाता है।
भारत 6जी अलायंस (बी6जीए):
- बी6जीए एक सहयोगी मंच है जिसमें सार्वजनिक एवं निजी कंपनियाँ, शिक्षाविद्, अनुसंधान संस्थान और मानक विकास संगठन शामिल हैं।
- यह अलायंस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए 6जी प्रौद्योगिकी युक्त अन्य वैश्विक गठबंधनों के साथ साझेदारी तथा तालमेल स्थापित करेगा।
- इसका प्राथमिक उद्देश्य 6जी प्रौद्योगिकी की व्यावसायिक और सामाजिक ज़रूरतों को समझना, आम सहमति को बढ़ावा देना तथा उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान एवं विकास योजना को आगे बढ़ाना है।
बी6जीए से लाभ:
- बी6जीए से भारत को 6जी प्रौद्योगिकी का विकास करने और उसे अपनाने में सहायता मिलेगी, जिसका अर्थव्यवस्था, समाज तथा पर्यावरण पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
- इससे भारत को सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और विनिर्माण क्षेत्र में अपनी शक्ति का लाभ उठाने में भी सहायता मिलेगी।