अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन (आईसीओ) ने घोषणा की है कि 5वां विश्व कॉफी सम्मेलन और एक्सपो इस साल सितंबर में बेंगलुरु, कर्नाटक में आयोजित किया जाएगा। यह पहली बार है जब विश्व कॉफी सम्मेलन और एक्सपो का आयोजन एशिया में किया जाएगा।
5वां विश्व कॉफी सम्मेलन और एक्सपो 25-28 सितंबर 2023 तक भारतीय कॉफी बोर्ड के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन द्वारा आयोजित किया जाएगा।
टेनिस खिलाड़ी रोहन बोप्पाना को 5वें विश्व कॉफी सम्मेलन का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है।
5वें विश्व कॉफ़ी सम्मेलन की थीम(विषय)
5वें विश्व कॉफी सम्मेलन का विषय ‘सस्टैनबिलिटी थ्रू सर्कुलर इकोनॉमी ऐन्ड रीजेनरेटिव एग्रीकल्चर' है।
अंतर्राष्ट्रीय कॉफ़ी संगठन लंदन, यूनाइटेड किंगडम स्थित एक अंतरसरकारी संगठन है ।
यह कॉफी व्यापार को बढ़ावा देने और कॉफी उत्पादक और उपभोग करने वाले देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
कॉफ़ी और भारत
भारत में कॉफी की शुरुआत का श्रेय एक सूफी संत बाबा बुदन को दी जाती है ।
17वीं शताब्दी के दौरान बाबा बुदान ने अरब से कॉफी के बीन्स भारत लाए थे जिसे उन्होने कर्नाटक के चिकमंगलूर में अपने घर पर लगाया था।
भारत में कॉफी का उत्पादन मुख्य रूप से पूर्वी और पश्चिमी घाट क्षेत्रों में होता है।
कर्नाटक भारत का सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक राज्य है जिसके बाद केरल और तमिलनाडु हैं। इन राज्यों को भारत में पारंपरिक कॉफी उत्पादक क्षेत्र कहा जाता है।
अन्य क्षेत्र जहां कॉफी उगाई जाती है वे आंध्र प्रदेश, ओडिशा और उत्तर पूर्वी क्षेत्र हैं। इन राज्यों को भारत में गैर-पारंपरिक कॉफी उगाने वाले क्षेत्र कहा जाता है।
भारत एशिया में कॉफी का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। एशिया में कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक वियतनाम है उसके बाद इंडोनेशिया का स्थान है।
ब्राजील कॉफी का दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक देश है,उसके बाद वियतनाम, कोलंबिया और इंडोनेशिया हैं।
वियतनाम और इंडोनेशिया के बाद भारत एशिया में कॉफी का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया
कॉफी बोर्ड कॉफी अधिनियम, 1942 की धारा (4) के तहत गठित एक वैधानिक संगठन है जो वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता है।
बोर्ड का बालेहोनूर (कर्नाटक) में एक केंद्रीय कॉफी अनुसंधान संस्थान है।
मुख्यालय: बैंगलोर