भारत विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) से मान्यता प्राप्त एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई स्थापित करने वाला दुनिया का 17वाँ देश बन गया है। एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई स्थापित करने वाले चुनिंदा देशों जैसे -जर्मनी, चीन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका - में भारत भी शामिल हो गया है।
इस इकाई से खेलों में डोपिंग के खतरे के खिलाफ़ लड़ाई को मज़बूती मिलने की उम्मीद है। डोपिंग का मतलब खेल आयोजनों में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए एथलीटों द्वारा प्रतिबंधित प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवाओं का उपयोग करना।
एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई का उद्घाटन केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 17 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में किया।
इस अवसर पर बोलते हुए खेल मंत्री मंडाविया ने कहा कि भारत की एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई उन पड़ोसी देशों की भी मदद करेगी जिनके पास ऐसी प्रणालियां स्थापित करने के लिए पर्याप्त संसाधनों का अभाव है।
एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई नई दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय डोपिंग परीक्षण प्रयोगशाला में स्थापित की गई है। यह इकाई,विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जो वैश्विक स्तर पर डोपिंग रोधी कार्यक्रम को मजबूत करता है।
विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा)
1999 में स्थापित।
वाडा एक स्वतंत्र निकाय है जिसे मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और सरकारों के अनुदान द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।
यह मुख्य वैश्विक निकाय है जो एथलीटों द्वारा प्रतिबंधित प्रदर्शन-बढ़ाने वाले पदार्थों के उपयोग से निपटता है।
वाडा का उद्देश्य
मुख्यालय: लॉज़ेन, स्विटज़रलैंड
अध्यक्ष: विटोल्ड बैंका