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विश्व बैंक ने निम्न कार्बन ऊर्जा क्षेत्र के लिए 1.5 अरब डॉलर के ऋण को मंजूरी दी

Utkarsh Classes Last Updated 13-07-2024
World Bank approves $1.5 billion loan for low carbon energy sector Loan and Grant 6 min read

जून 2024 में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने देश में निम्न कार्बन ऊर्जा क्षेत्र को विकसित करने के लिए भारत सरकार को 1.5 बिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है । यह विश्व बैंक द्वारा भारत को दिया गया दूसरा ऐसा ऋण है। पिछले साल 2023 में विश्व बैंक ने निम्न कार्बन ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए भारत को 1.5 बिलियन डॉलर की ऋण मंजूरी की थी।

क्या है निम्न कार्बन ऊर्जा क्षेत्र?

निम्न कार्बन ऊर्जा क्षेत्र उस ऊर्जा स्रोत को संदर्भित करता है जिसे जलाने पर जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम तेल और गैस) जलाने की तुलना में कम कार्बन निकलता है। 

हाइड्रोजन और अमोनिया को शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला ईंधन माना जाता है और कम कार्बन वाले ईंधनों में जैव ईंधन शामिल किया जाता है। जैव ईंधन ,बायोमास जैसे पौधों (लकड़ी, पुआल, गुड़, कृषि अपशिष्ट आदि), शैवाल से बनाया जाता है।

भारत सरकार ने 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को साकार करने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया है।

हरित हाइड्रोजन का तात्पर्य इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से पानी को तोड़कर हाइड्रोजन के उत्पादन से है। इलेक्ट्रोलिसिस के लिए आवश्यक बिजली का उत्पादन ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों जैसे सूर्य, जल विद्युत, हवा आदि का उपयोग करके किया जाता है।

ऋण राशि प्रदाता का विवरण  

  • कुल 1.5 बिलियन डॉलर के ऋण में से 1.44 बिलियन डॉलर विश्व बैंक के अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (आईबीआरडी) द्वारा प्रदान किया जाएगा।
  • विश्व बैंक के अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) द्वारा $56.57 मिलियन प्रदान किए जाएंगे।
  • शेष राशि यूनाइटेड किंगडम से $1 बिलियन बैकस्टॉप आएगी जिसका उद्देश्य भारत में विश्व बैंक के जलवायु परिवर्तन वित्तपोषण को बढ़ावा देना है।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को समर्थन 

विश्व बैंक के अनुसार यह ऋण भारत सरकार के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का समर्थन करेगा।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 4 जनवरी 2023 को शुरू किया गया था। मिशन पर कुल परिव्यय 19,744 करोड़ रुपये है और मिशन 2029-30 तक जारी रहेगा। 

मिशन का कुछ  मुख्य उद्देश्य है : 

  • 2030 तक प्रति वर्ष कम से कम 5 मिलियन मीट्रिक टन की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करना,
  • 2030 तक 125 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि,
  • क्षेत्र में निजी क्षेत्र से 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करना।

विश्व बैंक से ऋण राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के सरकारी प्रयास का पूरक होगा।

पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक (आईबीआरडी)

आईबीआरडी , विश्व बैंक समूह का एक हिस्सा है और यह दुनिया का सबसे बड़ा विकास बैंक है।

आईबीआरडी की स्थापना 1944 में मध्यम आय वाले सदस्य देशों और ऋण योग्य कम आय वाले देशों को ऋण, ऋण गारंटी, जोखिम प्रबंधन उत्पाद और सलाहकार सेवाएं प्रदान करने के लिए की गई थी। 

यह व्यावसायिक दरों पर ऋण प्रदान करता है और सदस्य देशों में विकास परियोजनाओं का वित्तपोषण करता है।

अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए)

  • आईडीए विश्व बैंक समूह का भी हिस्सा है और इसकी स्थापना 1960 में की गई थी।
  • आईडीए ,कम आय वाले सदस्य देशों को विकास परियोजनाओं के लिए ऋण और अनुदान प्रदान करता है। 
  • आईबीआरडी के विपरीत यह देशों को अनुदान प्रदान करता है और यह 30 से 40 वर्षों से अधिक की लंबी पुनर्भुगतान अवधि के साथ लगभग शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण प्रदान करता है।
  • अनुदान का अर्थ है कि उधारकर्ता द्वारा ऋणदाता को पैसा वापस नहीं किया जाएगा।

विश्व बैंक समूह का मुख्यालय: वाशिंगटन डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका 

विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष: डॉ. अजय बंगा (अमेरिकी नागरिक) 

सदस्य देश: 189

महत्वपूर्ण फुल फ़ॉर्म

  • आईबीआरडी/IBRD : इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (International  Bank for Reconstruction and Development)
  • आईडीए/IDA: इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (International Development Association )

FAQ

उत्तर: विश्व बैंक

उत्तर: रिकंस्ट्रक्शन

उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ

उत्तर: वाशिंगटन डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका

उत्तर : डॉ. अजय बंगा (अमेरिकी नागरिक)
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