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विश्वभारती के शोधकर्ताओं ने नये बैक्टीरिया का नाम ‘पेंटोइया टैगोरी' रखा

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Visva-Bharati Researchers Named New Bacteria 'Pantoea Tagorei' Science 4 min read

विश्वभारती के शोधकर्ताओं ने हाल ही में खोजे गए नये बैक्टीरिया का नामकरण रवीन्द्रनाथ टैगोर के सम्मान में 'पेंटोइया टैगोरी' रखा है। यह पहली बार है कि किसी जीवित जीव का नाम प्रतिष्ठित व्यक्ति के नाम पर रखा गया है। यह खोज कृषि और टिकाऊ कृषि पद्धतियों हेतु महत्वपूर्ण है।

प्रोफेसर बोम्बा डैम के नेतृत्व में खोजा गया पैन्टोइया टैगोरी: 

  • वनस्पति विज्ञान विभाग में माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला में प्रोफेसर बोम्बा डैम के नेतृत्व वाली टीम ने खोज की है।
  • अनुसंधान टीम ने ‘पैन्टोइया टैगोरी’ का पता झरिया कोयला खदानों की मिट्टी में बैक्टीरिया से लगाया। बैक्टीरिया, पैन्टोइया टैगोरी, उल्लेखनीय गुण प्रदर्शित करता है। 
  • पैन्टोइया टैगोरी में पोटेशियम का घुलनशीलता, नाइट्रोजन पुनः पूर्ति, फॉस्फोरस घुलनशीलता और पौधों के विकास को बढ़ावा देना शामिल है।
  • टीम के शोध निष्कर्षों को हाल ही में इंडियन जर्नल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। यह पैंटोइया टैगोरी की विशेषताओं और कृषि में इसके संभावित अनुप्रयोगों का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करता है। यह प्रकाशन वैज्ञानिक समुदाय में इस खोज के महत्व को रेखांकित करता है।

रवीन्द्रनाथ टैगोर का कृषि के प्रति लगाव: 

  • बैक्टीरिया का नाम रवीन्द्रनाथ टैगोर के नाम पर रखने का निर्णय कृषि को बढ़ावा देने के उनके समर्पित प्रयासों से उत्पन्न हुआ है। 
  • कृषि पद्धतियों को आगे बढ़ाने के लिए टैगोर की प्रतिबद्धता मिट्टी की उर्वरता और पौधों की वृद्धि को बढ़ाने के लिए बैक्टीरिया की क्षमता से मेल खाती है। 
  • पैंटोइया टैगोरी कृषि क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता के योगदान के लिए एक जीवित श्रद्धांजलि के रूप में कार्य करता है।

पेंटोइया टैगोरी का कृषि में उपयोग: 

  • रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से कृषि योग्य भूमि का क्षरण हुआ है, जिससे जैविक खेती की ओर रुझान बढ़ा है। 
  • पेंटोइया टैगोरी एक आशाजनक समाधान के रूप में उभरकर सामने आया है। 
  • यह न केवल पोटेशियम को घुलनशील बनाता है बल्कि नाइट्रोजन की पूर्ति भी करता है।
  • यह फॉस्फोरस को घुलनशील बनाता है और पौधों के विकास को बढ़ावा देता है। 
  • इस बैक्टीरिया को प्राप्त करने वाले किसानों से जुड़े प्रारंभिक प्रयोगों से सकारात्मक परिणाम मिले हैं। 

रवीन्द्रनाथ टैगोर का संक्षिप्त जीवन परिचय: 

  • जन्म : 7 मई, 1861 को कलकत्ता में हुआ।
  • रवीन्द्रनाथ टैगोर 'गुरुदेव', 'कविगुरु' और 'विश्वकवि’ जैसे कई उपनामों से भी जाने जाते हैं।
  • डब्लू.बी. येट्स ने रबींद्रनाथ टैगोर को आधुनिक भारत का एक उत्कृष्ट एवं रचनात्मक कलाकार कहा गया। 
  • रवीन्द्रनाथ टैगोर एक बंगाली कवि, उपन्यासकार और चित्रकार थे, जिन्होंने पश्चिम में भारतीय संस्कृति को अत्यधिक प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
  • ऐसा माना जाता है कि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने महात्मा गाँधी को ‘महात्मा’ की उपाधि दी थी। 
  • रवीन्द्रनाथ टैगोर ने सदैव इस बात पर ज़ोर दिया कि विविधता में एकता भारत के राष्ट्रीय एकीकरण का एकमात्र संभव तरीका है।
  • रवीन्द्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1929 तथा वर्ष 1937 में विश्व धर्म संसद में भाषण दिया। 
  • रवीन्द्रनाथ टैगोर का निधन 7 अगस्त, 1941 को कलकत्ता में हो गया।

FAQ

Answer:- विश्वभारती के शोधकर्ताओं ने नये बैक्टीरिया की खोज की है।

Answer:- रवीन्द्रनाथ टैगोर

Answer:- रवीन्द्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1929 तथा वर्ष 1937 में विश्व धर्म संसद में भाषण दिया।
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