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उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में गोवंश की गणना कराने के दिए निर्देश

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
UP Government Gave Instructions To Conduct a Census of Cattle in State State news 4 min read

उत्तर प्रदेश सरकार ने गोवंशों की वास्तविक संख्या का पता लगाने और उनके कल्याण के लिए तदनुसार योजना बनाने के लिए उनकी व्यापक गणना कराने का निर्णय लिया है। यह कदम राज्य में लावारिस या आवारा मवेशियों की समस्या से निजात पाने के लिए उठाया गया है।

  • उत्तर प्रदेश सरकार, राज्य में गोवंश संवर्धन एवं संरक्षण के लिए तीन श्रेणियों में गोवंशों की गणना कराने के निर्देश दिए हैं। 
  • जिसमें पशुपालकों के पास बेसहारा पशुओं, कान्हा उपवन और सड़कों पर छोड़े गए पशुओं की संख्या निर्धारित करना शामिल है। इन गोवंशों की गणना के पश्चात इनकी जियो टैगिंग भी कराई जाएगी। 
    • गणना के पहले चरण में इन गोवंशों की गिनती की जाएगी। 
    • इसके बाद दुसरे चरण में इनसे संबंधित कार्ययोजना तैयार कर उस पर काम किया जाएगा, ताकि गायों को उचित सुरक्षा और स्थान मिल सके।
    • तीसरे चरण में प्रदेश सरकार ‘कान्हा उपवन’ के माध्यम से गोवंशों का संरक्षण करेगी। 
  • सड़कों पर घूमने वाली गायों का भी संरक्षण होना चाहिए और इन आवारा मवेशियों के कारण आम लोगों और किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। प्रदेश सरकार इस पर पूरा ध्यान दे रही है।
  • सरकार की ओर से बताया गया है कि वर्तमान में 6889 निराश्रित पशु प्रजनन स्थलों पर 11.89 लाख गायें संरक्षित हैं। 
  • इनके साथ ही गौ संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहभागिता योजना से भी सकारात्मक परिमाण प्राप्त हुए हैं।

मुख्यमंत्री सहभागिता योजना:

  • मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत अब तक 1.85 लाख से अधिक गायें गौ सेवकों को सौंपी जा चुकी हैं। 
  • निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों एवं गोवंश की सेवा करने वाले समस्त परिवारों को गायों के  भरण-पोषण हेतु वर्तमान में 30 रूपये प्रति गाय प्रतिदिन की दर से प्रदान की जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 50 रूपये प्रति गाय प्रतिदिन कर दिया गया है।
  • इस सन्दर्भ में ऐसा माना जाता है कि केंद्र सरकार द्वारा 2019 में आयोजित 20वीं पशुधन गणना के बाद से मवेशियों की संख्या से संबंधित आकड़ों में परिवर्तन आया है, अगली पशुगणना 2024 में होनी है।

2019 पशुधन गणना से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य: 

  • 2019 पशुधन गणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में मवेशियों की कुल संख्या 1.90 करोड़ से अधिक थी। जिसमें 62,04,304 दुधारू गायें और 23,36,151 गैर-दुधारू गायें पाई जाती हैं।
  • इस पशुगणना में उत्तर प्रदेश में आवारा मवेशियों की संख्या 11.84 लाख थी। वर्तमान में, 6,889 निराश्रित मवेशी प्रजनन स्थलों में नर और मादा दोनों 11.89 लाख आवारा मवेशी पहले से ही संरक्षित हैं; हालांकि वर्तमान स्थिति इन आकड़ों से इतर होगी और मवेशियों की संख्या में स्पष्ट रूप से वृद्धि हुई होगी। 
  • इसके अतिरिक्त, 1.85 लाख गायें 'मुख्यमंत्री सहभागिता योजना' के तहत लोगों को सौंपी जा चुकी हैं।
  • वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के पहली बार सत्ता में आने के बाद से आवारा मवेशी का संरक्षण एक बड़ा मुद्दा रहा है। 
  • सभी आवारा मवेशियों को पकड़ने और उन्हें गौ संरक्षण केंद्रों में भेजने के लिए 1 नवंबर से दो महीने का एक अभियान भी शुरू किया गया था।

FAQ

Answer:- उत्तर प्रदेश

Answer:- तीन चरणों में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में पशुधन गणना कराने का निर्णय लिया है।

Answer:- 2019 पशुधन गणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में मवेशियों की कुल संख्या लगभग 1.90 करोड़ से अधिक है। 62,04,304 दुधारू गायें और 23,36,151 गैर-दुधारू गायें पाई गईं।

Answer:- 2019 की पशुगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में आवारा मवेशियों की संख्या 11.84 लाख है।

Answer:- उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत अब तक 1.85 लाख से अधिक गायें गौ सेवकों को सौंपी जा चुकी हैं।

Answer:- निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों एवं गोवंश की सेवा करने वाले समस्त परिवारों को गायों के भरण-पोषण हेतु वर्तमान में 30 रूपये प्रति गाय की दर से प्रदान की जाने वाली राशि को बढ़ाकर 50 रूपये प्रति गाय कर दिया गया है।
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