देश से औपनिवेशिक छाप को हटाने की अपनी नीति को जारी रखते हुए, भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार की राजधानी का नाम पोर्ट ब्लेयर से बदलकर श्री विजया पुरम कर दिया है।
इसकी घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 13 सितंबर 2024 को अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर की।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अंडमान और निकोबार की भूमिका और महत्व को प्रतिबिंबित करने के लिए पोर्ट ब्लेयर का नाम बदल का श्री विजया पुरम कर दिया है।
श्री विजया पुरम अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के हिस्से, दक्षिण अंडमान द्वीप पर स्थित है।
भारत में किसी शहर, कस्बे, रेलवे स्टेशन आदि का नाम केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही बदला जाता है। हालाँकि गृह मंत्रालय अपनी मंजूरी देने से पहले भारतीय भौगोलिक सर्वेक्षण, डाक विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से परामर्श करता है।
पोर्ट ब्लेयर से श्री विजया पुरम
- अंग्रेजों ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ब्रिटिश औपनिवेशिक नौसेना के अधिकारी कैप्टन आर्चीबाल्ड ब्लेयर के नाम पर रखा था । 1788 में, ईस्ट इंडिया कंपनी ने अंडमान द्वीप समूह और चागोस द्वीपसमूह का सर्वेक्षण करने के लिए कैप्टन ब्लेयर को नियुक्त किया। कैप्टन आर्चीबाल्ड ब्लेयर 1789 में अंडमान पहुंचे थे ।
- श्री विजया पुरम का नया नाम ,श्री विजया साम्राज्य से प्रेरित है जो 7वीं से 13वीं शताब्दी ईस्वी के बीच दक्षिण पूर्व एशिया (वर्तमान इंडोनेशिया) में फेला हुआ था । यह एक शक्तिशाली बौद्ध समुद्री साम्राज्य था।
- अंडमान एक समय चोल साम्राज्य का नौसैनिक अड्डा भी था।
स्वतंत्रता संग्राम में अंडमान निकोबार का महत्व
- आज़ाद हिंद फ़ौज के सर्वोच्च कमांडर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर 1943 को पोर्ट ब्लेयर में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया और अंग्रेजों से देश की स्वतंत्रता की घोषणा की।
- अंडमान में तीन मंजिला सेल्यूलर जेल भी है जिसका निर्माण 1906 में वीर सावरकर जैसे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को जेल में रखने के लिए किया गया था।
- यह जेल काला पानी के नाम से भी प्रसिद्ध है।
अंडमान और निकोबार में द्वीपों का नाम बदलना
- जून 2018 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अंडमान निकोबार यात्रा के दौरान तीन प्रमुख द्वीपों के नाम बदल दिए गए।
- रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, नील द्वीप का नाम शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर स्वराज द्वीप कर दिया गया था ।
- फिर 23 जनवरी 2023 को, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के अवसर पर, जिसे पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है, भारत सरकार ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नाम बदलकर 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता के नाम पर रखा दिया था।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बारे में
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 836 द्वीप/आइलेट्स/रॉकी आउटक्रॉप्स शामिल हैं, जिनमें से 213 बसे हुए हैं।
यह हिंद महासागर में स्थित है और इसमें दो द्वीप समूह शामिल हैं - अंडमान द्वीप समूह और निकोबार द्वीप समूह।
10° उत्तरी अक्षांश,अंडमान द्वीप समूह को निकोबार द्वीप समूह से अलग करते हैं।
अंडमान द्वीप समूह का कुल क्षेत्रफल 6,408 वर्ग किमी और निकोबार द्वीप समूह का 1,841 वर्ग किमी है।
1956 में इसे केंद्र शासित प्रदेश बन दिया गया था।
उपराज्यपाल: देवेन्द्र कुमार जोशी
राजधानी: श्री विजया पुरम