संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख रिपोर्ट "विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएँ 2025" ने भारतीय अर्थव्यवस्था की 2025 में 6.6% और 2026 में 6.7% वृद्धि दर की संभावना जताई है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 9 जनवरी 2025 को जारी की गई रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि 2025 में विश्व अर्थव्यवस्था में 2.8% की वृद्धि दर होगी।
संयुक्त राष्ट्र कैलेंडर वर्ष (जनवरी-दिसंबर) का पालन करता है, जबकि भारत सरकार वित्तीय वर्ष अप्रैल-मार्च राष्ट्रीय लेखा पद्धति का पालन करती है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अपने पहले उन्नत अनुमानों में 6.4% की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। 2022-23 में भारतीय जीडीपी की वृद्धि दर 7% और 2023-24 में 8.2% थी।
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के संबंध में विभिन्न वैश्विक और भारतीय वित्तीय एजेंसियों के पूर्वानुमान निम्नलिखित हैं (10 जनवरी 2025 तक)।
एजेंसी/संगठन |
2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का पूर्वानुमान |
2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का पूर्वानुमान |
भारतीय रिजर्व बैंक |
6.6% |
- |
विश्व बैंक |
7.0% |
6.7% |
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष |
7% |
6.5% |
एशियाई विकास बैंक |
7% |
7.2% |
मूडी रेटिंग |
7.2 (2024) |
6.6 %(2025) |
मॉर्गन स्टेनली |
6.3% |
6.5% |
एस एंड पी ग्लोबल |
6.8% |
6. 7% |
संयुक्त राष्ट्र |
6.6 %(जनवरी से दिसंबर2025) |
6.7% (2026) |
ओईसीडी |
6.8 % |
6.8% |
फिच रेटिंग |
6.4% |
6.5 % |
क्रिसिल |
6.8% |
- |
सिटी बैंक |
6.8% |
|
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक |
7.0% |
|
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) |
6.4 % |
6.6% |
बैंक ऑफ बड़ौदा |
6.8 % |
- |
एसबीआई |
6.3 % |
- |