भारत सरकार के स्वामित्व वाली भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने भूटान में 6×170 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना की दो इकाइयों को सफलतापूर्वक चालू कर दिया है। 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना को भूटान की शाही सरकार और भारत सरकार के बीच हुए एक समझौते के तहत पुनात्सांगछू II जलविद्युत परियोजना प्राधिकरण द्वारा विकसित किया जा रहा है।
बीएचईएल जलविद्युत संयंत्रों के संचालन के लिए आवश्यक टर्बाइनों और अन्य विद्युत-यांत्रिक उपकरणों का आपूर्तिकर्ता है।
भूटान में, बीएचईएल ने 4x84 मेगावाट चुखा, 4x15 मेगावाट कुरिचू, 6x170 मेगावाट ताला और 4x180 मेगावाट मंगदेछू जलविद्युत परियोजनाओं जैसी प्रमुख परियोजनाओं को क्रियान्वित किया है। पुनात्सांगछू-II परियोजना की इन दो इकाइयों के चालू होने के साथ, भूटान में कुल स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता में बीएचईएल का योगदान अब लगभग 89% हो गया है।
बीएचईएल भूटान में 6x200 मेगावाट पुनात्सांगछू-I जल विद्युत परियोजना के लिए भी टर्बाइन की आपूर्ति कर रहा है।
भारत और भूटान के बीच घनिष्ठ संबंध हैं और भारत भूटान को सहायता देने वाला प्रमुख देश है। भूटान जल अधिशेष वाला देश है और इसमें बड़ी जलविद्युत क्षमता है।
भारत भूटान को उसकी जलविद्युत परियोजनाओं के विकास में सहायता करता रहा है और वह उत्पादित बिजली का प्रमुख खरीदार है।
भूटान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में जलविद्युत की बिक्री का योगदान सबसे अधिक है। जलविद्युत की बिक्री देश की सबसे महत्वपूर्ण निर्यात वस्तु है।
वर्ष 2014 में दोनों देशों ने संयुक्त उद्यम के माध्यम से जलविद्युत परियोजनाओं को विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भूटान की ओर से, सरकारी स्वामित्व वाली ड्रुक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन संयुक्त उद्यम में भागीदार है।
संयुक्त उद्यम के तहत विकसित की जाने वाली परियोजनाएँ इस प्रकार हैं: