दो भारतीय शहरों ,मध्य प्रदेश के इंदौर और राजस्थान के उदयपुर को आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन के तहत वेटलैंड सिटी प्रमाणन के रूप में मान्यता दी गई है। ये भारतीय शहर दुनिया भर के उन 31 शहरों की सूची में शामिल हैं जिन्हें वेटलैंड सिटी प्रमाणन शहरों का प्रतिष्ठित दर्जा दिया गया है।
आर्द्रभूमि (वेटलैंड ), भूमि या तटीय क्षेत्र के वे क्षेत्र हैं जहां पानी पूरे वर्ष या वर्ष के दौरान एक विशेष अवधि के लिए ,मिट्टी को ढक रखा है या मिट्टी की सतह पर या उसके निकट मौजूद रहता है।
इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तीन भारतीय शहरों, इंदौर और मध्य प्रदेश के भोपाल और उदयपुर को पहले वेटलैंड सिटी प्रमाणन के लिए नामित किया था। इंदौर और उदयपुर वेटलैंड सिटी प्रमाणन का दर्जा पाने वाले पहले भारतीय शहर हैं।
चीन के अधिकतम 9 शहरों को वेटलैंड सिटी प्रमाणन का दर्जा दिया गया है।
2015 में उरुग्वे के पुंटा डेल एस्टे शहर में आयोजित रामसर कन्वेंशन के अनुबंधकारी दलों के सम्मेलन (सीओपी) की 12वीं बैठक में वेटलैंड सिटी प्रमाणन योजना को मंजूर किया गया था ।
वेटलैंड सिटी प्रमाणन एक स्वैच्छिक योजना है जो 172 सदस्य देशों के शहरों को शहरी क्षेत्रों में अपने प्राकृतिक या मानव निर्मित आर्द्रभूमि की सुरक्षा के लिए कदम उठाने के लिए मान्यता देती है।
वेटलैंड सिटी प्रमाणन योजना का उद्देश्य शहरी और पेरी-अर्बन आर्द्रभूमि (शहर और कस्बे के आसपास स्थित वेटलैंड्स) के संरक्षण और बुद्धिमानी से उपयोग को बढ़ावा देना है।
संरक्षित आर्द्रभूमि स्थानीय आबादी के लिए स्थायी सामाजिक-आर्थिक लाभ को बढ़ावा देंगे।
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