संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से बाहर निकालने और निकट पूर्व में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) का स्थायी रूप से वित्तीय पोषण को रोकने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं।
साथ ही उन्होंने यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र में में अमेरिकी योगदान की समीक्षा का भी आदेश दिया है।
जनवरी 2025 में सत्ता में आने के बाद से, डोनाल्ड ट्रम्प एक ऐसी नीति का पालन कर रहे हैं जिसके तहत संयुक्त राज्य अमेरिका सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अपने योगदान की समीक्षा कर रहा है।
विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र के बजट में लगभग 22% का योगदान देता है।
इन नीतियों की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वाशिंगटन डी.सी. में इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद की।
नेतन्याहू के साथ अपनी बैठक के दौरान उन्होंने यह भी घोषणा की कि संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायल के नियंत्रण वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा पर कब्जा कर लेगा और इसकी अनुमानित 18 लाख फिलिस्तीनी आबादी को कहीं और बसा देगा।
अपने पहले राष्ट्रपति कार्यकाल (2017-2021) के दौरान, डोनाल्ड ट्रम्प ने यूएनएचआरसी पर इज़राइल के खिलाफ पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए 2018 में यूएनएचआरसी से अमरीका के बाहर निकालने का ऐलान किया था।
हालाँकि, जब 2021 में जो बिडेन संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूएनएचसीआर के लिए अपना समर्थन नवीनीकृत किया और संयुक्त राज्य अमेरिका को 2021 में तीन साल की अवधि के लिए यूएनएचआरसी के सदस्य के रूप में चुना गया था।
लेकिन सितंबर 2023 में, बिडेन प्रशासन ने यह घोषणा की थी कि अब अमरीका, यूएनएचआरसी में लगातार दूसरे कार्यकाल का इच्छुक नहीं है।
प्रभाव
डोनाल्ड ट्रम्प ने निकट पूर्व में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) की अमेरिकी वित्तीय सहायता को भी पूर्ण रूप से निलंबित कर दिया है।
अपने पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में भी डोनाल्ड ट्रम्प ने 2018 में यूएनआरडब्ल्यूए को वित्तीय सहायता निलंबित कर दी थी, लेकिन बाद में जो बिडेन प्रशासन ने इसे उलट दिया था।
2024 में जो बिडेन प्रशासन ने यूएनआरडब्ल्यूए को वित्तीय सहायता देना बंद कर दिया, जब यूएनआरडब्ल्यूए के कुछ कर्मचारियों को 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल में हमास के हमले में शामिल होने का पता चला था। हमास के इस हमले ने गाजा और लेबनान में युद्ध की शुरुवात की थी।
2024 में इज़राइली संसद, नेसेट ने इज़राइल से यूएनआरडबल्यूए के संचालन को रोकने के लिए एक कानून पारित किया था जो जनवरी 2025 में लागू हुआ।
2022 में 343 मिलियन डॉलर और 2023 में 422 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता राशि के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका यूएनआरडब्ल्यूए का सबसे बड़ा दाता देश है।
प्रभाव
यूएनआरडब्ल्यूए के बारे में
इसकी स्थापना 1949 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा उन फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद के लिए की गई थी जो 1948 के अरब-इजरायल युद्ध से पहले और उसके दौरान फिलिस्तीन से भाग गए थे या निष्कासित कर दिए गए थे।
इस युद्ध के कारण इज़राइल का निर्माण हुआ था।
यह युद्ध उस समय भड़का था जब संयुक्त राष्ट्र ने द्वारा फिलिस्तीन का विभाजन करके इजराइल की स्थापना के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
यूएनआरडब्ल्यूए गाजा, पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम के साथ-साथ सीरिया, जॉर्डन और लेबनान में रहने वाले इन फिलिस्तीनी शरणार्थियों के वंशजों को स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, आश्रय आदि जैसी बुनियादी सेवाएं प्रदान करता है।
यूएनआरडब्ल्यूए को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के स्वैच्छिक योगदान से वित्त पोषित किया जाता है।
2024-25 में भारत ने यूएनआरडबल्यूए को 5 मिलियन डॉलर की सहायता दी है।
मुख्यालय: अम्मान (जॉर्डन) और गाजा पट्टी
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2006 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की स्थापना की।
यूएनएचआरसी ने 1946 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित संयुक्त राष्ट्र आयोग मानवाधिकार का स्थान लिया।
यूएनएचआरसी के कार्य
सदस्य
47 सदस्य देश ,जो संयुक्त राष्ट्रीय महासभा के द्वारा तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं।
सदस्यता विश्व के क्षेत्रों केआधार पर वितरित की जाती है।
13 सदस्य एशिया से और 13 अफ्रीका से, 6 पूर्वी यूरोप से, 7 पश्चिमी यूरोप और अन्य समूहों से और 8 दक्षिण अमेरिका और कैरेबियाई देशों से आते हैं।
मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
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