भारतीय नौसेना ने 5 नवंबर 2024 को विदेशी नौसेनाओं के प्रमुखों के साथ अपनी तीसरी द्वि-वार्षिक आभासी बातचीत, 'महासागर' आयोजित की। भारतीय नौसेना ने 29 नवंबर 2023 को पहली उच्च स्तरीय आभासी बातचीत, महासागर की मेजबानी की थी। इसकी मेजबानी तत्कालीन भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने की थी।
महासागर का मतलब क्षेत्र में सभी के लिए सक्रिय सुरक्षा और विकास के लिए समुद्री प्रमुख है(Maritime Heads for Active Security And Growth for All in the Region) है। यह हिंद महासागर क्षेत्र के तटीय देशों की नौसेनाओं/समुद्री एजेंसियों के साथ बातचीत करने और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने की भारतीय नौसेना की पहल है। भारतीय नौसेना ने नवंबर 2023 में इस पहल की शुरूवात की थी।
यह पहल भारत सरकार की सागर 'क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास' पहल का हिस्सा है।
महासागर एक आभासी कार्यक्रम है जिसमें नौसेनाओं/समुद्री एजेंसियों के प्रमुख और हिंद महासागर क्षेत्र के तटीय क्षेत्रों के वरिष्ठ नेतृत्व भाग लेते हैं। इस बार 10 देशों - बांग्लादेश, कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोज़ाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और तंजानिया के वरिष्ठ नेतृत्व ने भाग लिया ।
भारतीय नौसेना के नौसेना के प्रमुख हमेशा महासागर का नेतृत्व करते हैं, जो वस्तुतः आयोजित की जाती हैं।
महासागर के तीसरे संस्करण की अध्यक्षता नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने की।
महासागर के तीसरे संस्कारण का विषय 'आईओआर (हिंद महासागर क्षेत्र) में आम समुद्री सुरक्षा चुनौतियों को कम करने के लिए प्रशिक्षण सहयोग' थी।
यह विषय क्षेत्र में आम समुद्री चुनौती से निपटने के लिए हिंद महासागर के देशों की नौसेनाओं और समुद्री संगठनों के बीच प्रशिक्षण और सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग पर भारत की नीति के रूप में 2015 में सागर 'क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास' पहल की घोषणा की।
सागर नीति के मुख्य घटक इस प्रकार हैं;