सुमन कुमारी ने मार्च 2024 में इंदौर के सेंट्रल स्कूल ऑफ वेपंस एंड टैक्टिक्स (सीएसडब्ल्यूटी) में आठ सप्ताह का स्नाइपर कोर्स पूरा कर 'प्रशिक्षक ग्रेड' प्राप्त की है। बीएसएफ की सब-इंस्पेक्टर सुमन कुमारी सीमा सुरक्षा बल की पहली महिला स्नाइपर बन गई हैं।
दृढ़ इच्छा शक्ति से सुमन ने पूर्ण किया सपना:
सुमन एक दृढ़ संकल्प वाली महिला है और एक कुशल स्नाइपर बनने की इच्छा शक्ति ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
पंजाब में एक प्लाटून की कमान संभालने के दौरान सीमा पार से स्नाइपर हमलों के खतरे को देखने के बाद सुमन ने स्नाइपर कोर्स ज्वाइन किया। सुमन के दृढ़ संकल्प को देखने के बाद उसके वरिष्ठों ने पाठ्यक्रम में उसकी भागीदारी को मंजूरी दे दी।
भारतीय सेना महिला अधिकारियों को शामिल करने के लिए सक्षम नीतियां अपनाकर उन्हें सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रही है।
प्रशिक्षित स्नाइपर को दुर्गम परिस्थितियों में अपनी पहचान छुपाकर कार्रवाई करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। स्नाइपर तीन किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी से दुश्मन पर अचूक निशाना लगा सकने में सक्षम होते हैं।
सुमन की उपलब्धि महिलाओं के लिए प्रेरणा:
स्नाइपर कोर्स करने वाले 56 पुरुष समकक्षों में से सुमन एकमात्र महिला थीं। सुमन की यह उपलब्धि अन्य महिलाओं को भी इसी तरह की सैन्य भूमिकाएँ निभाने के लिए प्रेरित करेंगी। सुमन के प्रशिक्षकों में से एक ने बताया कि स्नाइपर कोर्स के दौरान उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जहां अत्यधिक शारीरिक और मानसिक शक्ति की आवश्यकता होती है।
सीएसडब्ल्यूटी आईजी भास्कर सिंह रावत ने बताया कि कमांडो प्रशिक्षण के बाद स्नाइपर कोर्स सबसे कठिन ट्रेनिंग में से एक है। साथ ही रावत ने सुमन की उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि वह अब स्नाइपर प्रशिक्षक के रूप में तैनात होने के योग्य है।
सुमन कुमारी का संक्षिप्त परिचय:
सुमन का जन्म हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक साधारण परिवार में हुआ। सुमन के पिता एक इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम करते हैं और उनकी माँ एक गृहिणी हैं। सुमन साल 2021 में बीएसएफ में शामिल हुईं। सुमन निहत्थे युद्ध (Unarmed combat) में भी कुशल है।
रक्षा क्षेत्र में भारतीय महिलाएं:
अगस्त 2023 में लोकसभा में प्रस्तुत एक आंकड़े के अनुसार, तीनों सेनाओं में कुल 11,414 महिला कर्मी सेवारत हैं। इनमें से भारतीय सेना में सबसे अधिक 7,054 हैं। सेना में महिलाएं अधिकारी, चिकित्सा, दंत चिकित्सा और नर्सिंग जैसी सेवाओं में लगी हुई है।
भारतीय सैन्य बलों में शामिल प्रमुख महिलाएं जिसने देश को किया गौरवान्वित:
प्रेरणा देओस्थली: कमांडर प्रेरणा देओस्थली भारतीय नौसेना के युद्धपोत, विशेष रूप से भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी है।
दीपिका मिश्रा: विंग कमांडर दीपिका मिश्रा भारतीय वायु सेना में वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं।
शिवा चौहान: फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान हैं। सियाचिन ग्लेशियर के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र 'कुमार पोस्ट' पर सक्रिय रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी हैं।
शालिज़ा धामी: 2023 में, ग्रुप कैप्टन शालिज़ा धामी फ्रंटलाइन लड़ाकू इकाई की कमान संभालने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी है। उन्हें पश्चिमी क्षेत्र में मिसाइल स्क्वाड्रन का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था।
अवनि चतुर्वेदी: अवनि चतुर्वेदी को देश की पहली महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव हासिल है। अवनि जनवरी 2023 में हवाई युद्ध की ट्रेनिंग में भाग लेने वाली सफल पहली महिला बनी थी।
FAQ
उत्तर : सुमन कुमारी
उत्तर : हिमाचल प्रदेश
उत्तर : विंग कमांडर दीपिका मिश्रा भारतीय वायु सेना में वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली महिला अधिकारी हैं।
उत्तर : ग्रुप कैप्टन शालिज़ा धामी फ्रंटलाइन लड़ाकू इकाई की कमान संभालने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी है।
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