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एसजेवीएन ने सुरंग परियोजना के प्रदर्शन को बेहतर करने हेतु आईआईटी-पटना के साथ की साझेदारी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
SJVN partners with IIT-Patna to improve tunneling project performance Energy 5 min read

एसजेवीएन लिमिटेड ने अपनी सुरंग परियोजनाओं में उन्नत भूवैज्ञानिक मॉडल का उपयोग करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान - पटना (आईआईटी पटना) के साथ एक समझौता किया है। 

एसजेवीएन-आईआईटी पटना के मध्य हुए समझौते पर हस्ताक्षर:  

  • 2 अप्रैल, 2024 को नई दिल्ली में एसजेवीएन के निदेशक (वित्त), एके सिंह और आईआईटी-पटना के निदेशक टीएन सिंह की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर दोनों पक्षों से कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।

एसजेवीएन लिमिटेड और आईआईटी पटना के मध्य साझेदारी से होने वाले लाभ: 

  • इस साझेदारी के प्रमुख परिणामों में से एक प्रीडिक्टिव एनालिटिक्स एल्गोरिदम्स का विकास होगा। ये एल्गोरिदम एकीकृत भू-तकनीकी डेटा का लाभ उठाकर संभावित जोखिमों का पहले से अनुमान लगाएंगे। विशेष रूप से सुरंग परियोजनाओं के लिए तैयार की गई प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली प्रदान करेंगे। 
  • इस तरह के सक्रिय उपायों से परियोजना कार्यान्वयन के दौरान समय और लागत में काफी कमी होने की आशा है।
  • दोनों संस्थाओं के मध्य इस साझेदारी से किसी परियोजना के पूर्ण होने में लगने वाले समय और  लागत में काफी कमी आएगी।

एसजेवीएन-आईआईटी पटना के मध्य हुए एमओयू की प्राथमिकता:   

  • एसजेवीएन लिमिटेड और आईआईटी पटना के मध्य हुए एमओयू की प्राथमिकताओं में अत्याधुनिक कार्यप्रणाली विकसित करना है। यह विविध भू-तकनीकी डेटा स्रोतों को एकीकृत करती है। 
  • इनमें एसजेवीएन की परियोजनाओं से संबंधित भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, बोरहोल डेटा, भूभौतिकीय माप और निगरानी डेटा शामिल होंगे।

एसजेवीएन-आईआईटी पटना के मध्य हुए एमओयू का उद्देश्य: 

  • इस सहभागिता का उद्देश्य ओवरबर्डन व डिफोर्मेशन (विरूपण) के बीच जटिल संबंधों का मूल्यांकन करना है। इससे सुरंग परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण समर्थन प्रणालियों के मूल्यांकन और डिजाइन को संवर्द्धित किया जा सकेगा। 
  • एकीकृत भू-तकनीकी डेटा और 3डी भूवैज्ञानिक मॉडल का उपयोग करके संभावित जोखिमों व खतरों की पहचान करना और उनका विश्लेषण करना है।
  • एसजेवीएन और आईआईटी पटना इस रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से टिकाऊ विकास और तकनीकी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

एसजेवीएन लिमिटेड के बारे में: 

  • एसजेवीएन लिमिटेड विद्युत मंत्रालय के नियंत्रणाधीन एक शेड्यूल–'ए' मिनी रत्न श्रेणी-। सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। 
  • एसजेवीएन को पूर्व में ‘सतलुज जल विद्युत निगम’ के नाम से जाना जाता था। यह एक भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जो जलविद्युत उत्पादन और ट्रांसमिशन में शामिल है।
  • इसकी स्थापना 24 मई, 1988 को भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम के रूप में की गई थी। 
  • एसजेवीएन की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गीता कपूर
  • एसजेवीएन अब एक सूचीबद्ध कंपनी है। इसमें उसके शेयरहोल्डर पैटर्न के तहत भारत सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार एवं जनता का क्रमशः 55.00%, 26.85% एवं 18.15% का इक्विटी अंशदान शामिल है। 
  • एसजेवीएन की मौजूदा भुगतान की गई पूंजी तथा अधिकृत शेयर पूंजी क्रमशः 3929.80 करोड़ तथा 7000 करोड़ रुपए है।
  • एसजेवीएन की कुल पूंजी दिनांक 31/03/2023 को 13821.97 करोड़ रुपए है।
  • इस कंपनी ने कुल 2377 मेगावाट की स्थापित क्षमता तथा 123 किमी ट्रांसमिशन लाइन समेत कुल तेरह परियोजनाओं की कमीशनिंग कर ली है।
  • हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन है।
    • नाथपा झाकड़ी उत्तरी भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में सतलुज नदी पर सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है। 
    • सतलुज नदी तिब्बती पठार से लगभग 4,570 वर्ग मीटर की ऊंचाई पर निकलती है। 
    • यह सिंधु नदी के साथ संगम से पहले चिनाब नदी से मिलकर पंजनाद नदी का निर्माण करती है।
  • एसजेवीएन वर्तमान में भारत के आलावा पड़ोसी देश जैसे नेपाल में विद्युत परियोजनाओं का निष्पादन कर रहा है। 

FAQ

Answer: एसजेवीएन लिमिटेड और आईआईटी पटना

Answer: हिमाचल प्रदेश

Answer: सतलुज नदी
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