राष्ट्रपति द्रोपादी मुर्मू ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के नियमों और विनियमों में संशोधन करने के लिए कई अध्यादेश जारी किए हैं, जिनमें इसकी आधिकारिक भाषा नीति, सरकारी नौकरियों में आरक्षण, अधिवास आवश्यकताओं में बदलाव और लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद में महिलाओं के लिए एक तिहाई कोटा प्रदान करना शामिल है।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं है और राष्ट्रपति के पास लद्दाख की कार्यकारी शक्ति है। अपनी कार्यकारी शक्ति का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने ये अध्यादेश जारी किए। इन अध्यादेशों को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया।
लद्दाख आधिकारिक भाषा विनियमन 2025 पर अध्यादेश
- अध्यादेश ने अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, भोटी और पुरगी को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की आधिकारिक भाषा बना दिया है ।
- इस अध्यादेश के लागू होने से पहले, 31 अक्टूबर 2019 को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के अस्तित्व में आने के बाद से अभी तक केवल अंग्रेजी ही लद्दाख की आधिकारिक भाषा थी।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख आरक्षण (संशोधन) विनियमन, 2025
- अध्यादेश ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 की धारा 3, 5, 6 और 9 में संशोधन किया।
- लद्दाख में सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए अधिकतम आरक्षण 85% से अधिक नहीं होगा।
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए अलग से 10% आरक्षण प्रदान किया गया है।
- लद्दाख में व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण 50% से बढ़कर 85% हो गया है।
- व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण 10% तय किया गया है।
लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (संशोधन) विनियमन नियम, 2025 के प्रावधान
- अध्यादेश ने लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद अधिनियम 1997 में संशोधन किया।
- इसमें प्रावधान है;
- लेह और कारगिल की लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषदों में रोटेशन के माध्यम से एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
- इसका मतलब यह है कि अगर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, लेह में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाती हैं तो अगली बार लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, कारगिल में एक तिहाई सीटें आरक्षित होंगी।
लद्दाख में दो जिले हैं, लेह और कारगिल।
- लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, लेह की स्थापना 1995 में हुई थी। 30 सदस्यीय परिषद में से 26 निर्वाचित होते हैं और 4 अल्पसंख्यक और महिलाओं से मनोनीत होते हैं।
- लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, कारगिल जुलाई 2003 में अस्तित्व में आई। इसमें 30 सदस्य होते हैं, जिनमें से 26 प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाते हैं जबकि 4 अल्पसंख्यक समुदायों और महिलाओं से नामित होते हैं।
सरकारी नौकरियों के लिए अधिवास की आवश्यकता
राष्ट्रपति ने लद्दाख सिविल सेवा विकेंद्रीकरण और भर्ती (संशोधन) विनियमन, 2025 अध्यादेश भी जारी किया, जो केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सरकारी नौकरियों के लिए अधिवास मानदंड को परिभाषित करता है।
यह विनियमन पहली बार सरकारी पदों पर भर्ती के लिए अधिवास आवश्यकताओं को अनिवार्य बनाता है।
अधिवास मानदंड;
- वह व्यक्ति जो लद्दाख में कम से कम 15 वर्षों से निवास कर रहा हो; या
- वह व्यक्ति जिसने 7 वर्षों तक अध्ययन किया हो और लद्दाख में कक्षा 10 या 12 की परीक्षा दी हो;
- केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चे जिन्होंने लद्दाख में कम से कम 10 वर्ष सेवा की हो;
- निवासी के बच्चे और पति/पत्नी।
लद्दाख के उपराज्यपाल: बी डी मिश्रा